बांग्लादेश: जानबूझकर सड़क हादसा कर जान लेने वालों के लिए मौत की सजा!
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बांग्लादेश: जानबूझकर सड़क हादसा कर जान लेने वालों के लिए मौत की सजा!

प्रदर्शनकारी छात्रों के गुस्से को शांत करने की कोशिश में बांग्लादेश ने जानबूझकर सड़क हादसा कर जान लेने वालों के लिए मौत की सजा पर विचार करने का आज वायदा किया और नए सड़क सुरक्षा कानून को मंजूरी दे दी. 

प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक संघर्ष जारी है.(फाइल फोटो)

ढाका: प्रदर्शनकारी छात्रों के गुस्से को शांत करने की कोशिश में बांग्लादेश ने जानबूझकर सड़क हादसा कर जान लेने वालों के लिए मौत की सजा पर विचार करने का आज वायदा किया और नए सड़क सुरक्षा कानून को मंजूरी दे दी. वहीं प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक संघर्ष जारी है जिसने जनजीवन को प्रभावित किया है. पिछले हफ्ते सवारियों को लेने के लिए रेस लगा रही दो बसों की चपेट में आने से एक लड़के और लड़की की मौत हो गई. इन बसों ने कई अन्य को जख्मी भी किया था. इसके बाद प्रदर्शन शुरू हो गए थे.

बस चालक मौके से भाग गए थे लेकिन उन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया. डेली स्टार ने रिपोर्ट दी है कि ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा सड़क सुरक्षा और छात्रों पर हमले के विरोध में निकाले गए जुलूस को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, पानी की बौछार की और लाठी चार्ज किया.

सुड़क सुरक्षा के लिए प्रदर्शनों के दबाव के बीच सरकार कैबिनेट में सड़क परिवहन अधिनियम 2018 का मसौदा लेकर आई है. इन प्रदर्शनों की प्रतिक्रिया में बस संचालकों ने अघोषित हड़ताल की है. प्रधानमंत्री शेख हसीना की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक के बाद, कैबिनेट सचिव शफी उल आलम ने मीडिया को बताया, ‘‘ कैबिनेट ने आज सड़क परिवहन अधिनियम 2018 को मंजूरी दे दी.

इसमें लापरवाही से गाड़ी चलाने पर पांच साल के सश्रम कारावास की सजा है.’’ कानून मंत्री अनीस उल हक ने एक अलग संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलिस जांच में पता चलता है कि चालकों ने जानबूझकर किसी की जान ली है तो वे देश की दंड संहिता के तहत मौत की सजा का सामना करेंगे.

प्रदर्शन के दौरान स्कूली बच्चे यातायात को दुरूस्त करने, चालकों का लाइसेंस और वाहनों की फिटनेट जांचने के लिए सड़कों पर आए गए थे जिसके बाद प्राधिकारों को स्कूलों में छुट्टी का ऐलान करना पड़ा. सशस्त्र व्यक्तियों ने शनिवार रात को बांग्लादेश में अमेरिकी राजदूत के काफिले पर हमला कर दिया था. राजूदत मर्सिया बर्नीकट और उनकी सुरक्षा हमले में बच गए थी, लेकिन दो कारें क्षतिग्रस्त हो गईं. प्रधानमंत्री हसीना ने कल प्रदर्शनकारी छात्रों से अपने घरों को लौटने की अपील की थी और कहा था कि कुछ लोग उनके अभियान में घुस कर स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. 

इनपुट भाषा से भी  

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