बांग्लादेश: अदालत ने पूर्व PM खालिदा जिया को दी राहत, आगजनी मामले में मिली जमानत पर लगाई मुहर
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बांग्लादेश: अदालत ने पूर्व PM खालिदा जिया को दी राहत, आगजनी मामले में मिली जमानत पर लगाई मुहर

 बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय ने आगजनी के एक मामले में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को उच्च न्यायालय से प्राप्त छह महीने की अंतरिम जमानत पर आज मुहर लगा दी. 

सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध अपील की थी.(फाइल फोटो)

ढाका: बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय ने आगजनी के एक मामले में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को उच्च न्यायालय से प्राप्त छह महीने की अंतरिम जमानत पर आज मुहर लगा दी. लेकिन, तीन बार प्रधानमंत्री रहीं 72 वर्षीय जिया को जेल में ही रहना होगा क्योंकि उनके विरुद्ध अन्य मामले लंबित हैं. उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और जमात गठबंधन के विरोध प्रदर्शन के दौरान तीन फरवरी, 2015 को चटगांव में एक बस पर पेट्रोल बम फेंका गया था, जिसमें आठ लोगों की जान चली गयी थी. दो अन्य मामले विपक्षी बीएनपी की अध्यक्ष जिया के खिालफ कोमिला में दर्ज किये गये थे. 

एक हत्या से जुड़ा है जबकि दूसरे का संबंध विस्फोटक कानून से है.  ढाका ट्रिब्यून की खबर है कि उच्चतम न्यायालय की अपील पीठ ने जिया को छह माह की जमानत देने के उच्च न्यायालय के फैसले को अक्षुण्ण रखा.  सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध अपील की थी. 

पूर्व PM खालिदा जिया को मिली अंतरिम जमानत, बस पर बम फेंकने का है आरोप
बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी बीएनपी की अध्यक्ष खालिदा जिया को 2015 में एक बस पर पेट्रोल बम फेंके जाने के मामले में आज छह महीने की अंतरिम जमानत दे दी. स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी. कोमिल्ला के छोउड्डाग्राम उपज़िले में दो फरवरी 2015 को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान अज्ञात हमलावरों ने एक बस पर पेट्रोल बम फेंक था, जिसमें आठ लोगों की मौत हुई थी और 20 अन्य जख्मी हुए थे. बीडीन्यूज24.कॉम ने खबर दी है कि न्यायमूर्ति एकेएम असद-उज-जमां और एसएम मुजीब-उर-रहमान ने 72 वर्षीय नेता को आज जमानत दे दी.

कुमिल्ला विशेष अदालत में तीन बार की पूर्व प्रधानमंत्री की जमानत याचिका दायर की गयी थी जिनको इस मामले में विशेषाधिकार अधिनियम के तहत गिरफ्तार गया है. न्यायाधीश के एम शम्स उल आलम ने जिया को इस मामले में गिरफ्तार करने के पुलिस के कदम को सही ठहराया था लेकिन उनकी जमानत याचिका पर कोई निर्णय नहीं किया था और मामले पर सुनवाई के लिए आठ अगस्त की तारीख मुकर्रर की थी.

इसके बाद जिया के वकीलों ने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रूख किया. खबर के मुताबिक, जिया के वकील एकेएम एहसान-उर-रहमान ने कहा कि इस घटना को लेकर दो अलग अलग मामले दर्ज हैं जिसमें एक हत्या और दूसरा विस्फोटक अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है . 28 मुई को मामला खारिज करने के लिए एक याचिका दायर की गई थी जो अभी लंबित है. बीएनपी प्रमुख ‘जिया ऑर्फनेज ट्रस्ट’ भ्रष्टाचार के मामले में पांच साल की सजा काट रही हैं .  उन्हें आठ फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. 

इनपुट भाषा से भी 

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