कोर्ट ने अधिकारियों को जिया के मेडिकल बोर्ड की सिफारिश के मद्देनजर बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी (बीएसएमएमयू) में 'उन्नत उपचार' सुनिश्चित करने के लिए त्वरित रूप से उपाय करने का आदेश दिया. जिया को मामले में सात साल की सजा देने के बाद उनकी कानूनी टीम ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी.
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ढाका: बांग्लादेश की शीर्ष अदालत ने गुरुवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की जमानत याचिका खारिज कर दी. बीडीन्यूज24 की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश सैयद महमूद की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय अपीलेट डिवीजन ने उनकी अपील को हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने जिया चैरिटेबल ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में उनकी जमानत याचिका अस्वीकार कर दी थी.
कोर्ट ने अधिकारियों को जिया के मेडिकल बोर्ड की सिफारिश के मद्देनजर बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी (बीएसएमएमयू) में 'उन्नत उपचार' सुनिश्चित करने के लिए त्वरित रूप से उपाय करने का आदेश दिया. जिया को मामले में सात साल की सजा देने के बाद उनकी कानूनी टीम ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी.
हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को उनके अपराध व अपराध के लिए उच्चतम सजा को ध्यान में रखते हुए 31 जुलाई को जमानत याचिका को ठुकरा दिया था. गुरुवार के फैसले पर जिया के वकील खोनडोकेर महबूब ने कहा, 'हमने उनकी जमानत के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी है. सात साल की सजा के एक मामले में कोर्ट द्वारा जमानत से इनकार करना अभूतपूर्व है.' जिया, भ्रष्टाचार के दो मामलों में कुल 17 साल की जेल काट रही हैं. उनका अप्रैल से बीएसएमएमयू में इलाज चल रहा है.
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