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जिनेवा: यूक्रेन में फंसे भारतीयों (Indians in Ukraine) के साथ मारपीट की खबरें लगातार आ रही हैं. इस बीच, बेलारूस (Belarus) ने बुधवार को दावा किया कि पोलिश बॉर्डर गार्ड्स ने लगभग 100 भारतीय छात्रों की पिटाई की और उन्हें वापस यूक्रेन भेज दिया, जिसके बाद उन्हें रोमानिया के एक शरणार्थी शिविर में रखा गया. संयुक्त राष्ट्र में बेलारूस के राजदूत वैलेन्टिन रयबाकोव (Belarus Ambassador to the UN Valentin Rybakov) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बयान देते हुए यह टिप्पणी की.
बेलारूस के राजदूत वैलेन्टिन रयबाकोव ने कहा, ‘पोलिश सीमा प्रहरियों ने 26 फरवरी को लगभग 100 भारतीय छात्रों के एक समूह को पीटा और यूक्रेन वापस भेज दिया, जिन्हें इसके बाद रोमानिया में एक शरणार्थी शिविर में रखा गया’. वहीं, संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लिट्स्या ने कहा कि उनके देश में रूसी सैन्य अभियान में एक भारतीय नागरिक मारा गया और एक चीनी नागरिक घायल हो गया है.
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भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को बताया था कि लगभग आठ हजार भारतीय, मुख्य रूप से छात्र, यूक्रेन में फंसे हुए हैं. भारत यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसियों जैसे रोमानिया, हंगरी और पोलैंड से विशेष उड़ानों के माध्यम से अपने नागरिकों को निकाल रहा है, क्योंकि 24 फरवरी से यूक्रेनी हवाई क्षेत्र बंद है. गौरतलब है कि विपक्ष सरकार पर देरी का आरोप लगा रहा है, कांग्रेस लीडर राहुल गांधी कई बार कह चुके हैं कि मोदी सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए देर से कदम उठाया.
यूक्रेन की मौजूदा स्थिति की बात करें, तो रूस का हमला लगातार आठवें दिन भी जारी है. व्लादिमीर पुतिन की सेना ने यूक्रेन की राजधानी कीव को चारों ओर से घेर लिया है. अब से कुछ घंटे पहले कीव के एक रेलवे स्टेशन पर सेना ने मिसाइल दागी थी. यह हमला उस वक्त किया गया, जब स्टेशन से लोग रेस्क्यू किए जा रहे थे. इसके साथ ही रूसी सेना ने खेर्सोन पर भी कब्जा जमा लिया है.