Chocolate spreading Bacterial Infection: एक चॉकलेट बनी जान के लिए मुसीबत, 11 देशों में फैला दिया बैक्टीरियल इंफेक्शन
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Chocolate spreading Bacterial Infection: एक चॉकलेट बनी जान के लिए मुसीबत, 11 देशों में फैला दिया बैक्टीरियल इंफेक्शन

Chocolate spreading Bacterial Infection: WHO ने अपनी पड़ताल में पाया है कि बैक्टीरिया से होने वाले Food Poisoning के ये मामले बेल्जियम चॉकलेट की वजह से फैल रहे हैं. बेल्जियम में बनी चॉकलेट 113 देशों में सप्लाई हुई थी.

Chocolate spreading Bacterial Infection: एक चॉकलेट बनी जान के लिए मुसीबत, 11 देशों में फैला दिया बैक्टीरियल इंफेक्शन

Chocolate spreading Bacterial Infection: इसी वर्ष मार्च के महीने में यूनाइटेड किंगडम (UK) ने विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) को बैक्टीरियल इंफेक्शन के तेजी से फैलने के बारे में बताया. WHO ने अपनी पड़ताल में पाया है कि इस बैक्टीरिया से होने वाले Food Poisoning के ये मामले बेल्जियम चॉकलेट की वजह से फैल रहे हैं. बेल्जियम में बनी चॉकलेट 113 देशों में सप्लाई हुई थी.

सभी देशों से वापस मंगाई गई चॉकलेट

10 अप्रैल को इस चॉकलेट को सभी देशों से रिकॉल करने का फैसला किया गया था. अभी तक 11 देशों से इस चॉकलेट की वजह से 151 लोगों के बीमार होने के केस रिपोर्ट हो चुके हैं. 151 में से 150 केस यूरोप में दर्ज हुए, एक केस USA में रिपोर्ट हुआ.

सावधान रहने की सख्त जरूरत

WHO ने चेतावनी दी है कि जिन देशों में ये मामले पकड़ में आ सके हैं वहां एडवांस मॉलिक्यूलर तकनीक से ही ये मामले पकड़ में आए हैं. WHO के मुताबिक ईस्टर के दौरान चॉकलेट की सप्लाई काफी हुई थी, ऐसे में ये मामले और फैल सकते हैं. सावधान रहने की जरूरत है.

प्लांट में बनते थे इतने प्रोडक्ट्स

इस बीमारी का वैज्ञानिक नाम Salmonella Typhimurium (S. Typhimurium) है. ये बैक्टीरिया फूड प्वाइजनिंग के लिए जिम्मेदार होता है. बेल्जियम में दिसंबर 2021 और जनवरी 2022 में Arlon के फेरेरो कॉरपोरेट प्लांट में Salmonella Typhimurium मिला था. यहां किंडर के प्रोडक्ट बनाए जाते हैं. साफ सफाई के तरीके अपनाने और इस बैक्टिरिया की नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद फेरेरो के प्लांट में किंडर के प्रोडक्ट्स बने और यूरोप और दूसरे देशों में सप्लाई किए गए. इस प्लांट में Kinder Surprise, Kinder Mini Eggs, Kinder Surprise Maxi 100g and Kinder Schoko-Bons जैसे प्रोडक्ट बनाए जा रहे थे.

बेअसर साबित हो रहीं एंटीबायोटिक

यूनाइटेड किंगडम की हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी की जांच के मुताबिक इस बैक्टीरिया से फैल रही बीमारी पर ये एंटीबायोटिक बेअसर साबित हो रही हैं. Penicillins, Aminoglycosides जैसे कि Streptomycin, Spectinomycin, Kanamycin and Gentamycin. इसके अलावा Phenicols, Sulfonamides, Trimethoprim, Tetracyclines एंटीबायोटिक भी काम नहीं कर रही.

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अब आप उन 11 देशों के नाम जान लीजिए, जहां से इस बैक्टीरियल इंफेक्शन के मामले सामने आए हैं.  

बेल्जियम (26 cases), 

फ्रांस (25 cases) 

जर्मनी (10 cases) 

आयरलैंड (15 cases) 

लक्जमबर्ग (1 case) 

नीदरलैंड (2 cases) 

नॉरवे (1 case) 

स्पेन (1 case)

स्वीडन (4 cases) 

यूनाइटेड किंगडम (65 cases) 

यूएसए (1 case)

लोगों में देखे गए गंभीर लक्षण

इस बीमारी के ज्यादातर मामले दिसंबर से मार्च 2022 के बीच सामने आए. 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए. 21 लोग गंभीर बीमारी का शिकार हुए. 12 लोगों को रक्तस्त्राव की समस्या हुई और 9 लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आई. हालांकि किसी की मौत की खबर नहीं है. हालांकि WHO का मानना है कि ये मामले अभी भी आ सकते हैं.

सैल्मोनिला बैक्टीरिया के इंफेक्शन में मरीज को बुखार, पेट दर्द, उल्टी और हैजा हो सकता है. इसके लक्षण खाना खाने के 6 से 72 घंटे में सामने आ सकते हैं. खराब पानी या खाने से ये इंफेक्शन होता है. आमतौर पर 7 दिनों में मरीज रिकवर होने लगता है. कुछ मामले जानलेवा साबित होते हैं. साल्मोनिला बैक्टीरियल इंफेक्शन पोल्ट्री प्रॉडक्ट्स में और पालतू जानवरों में भी होता है. मल से संक्रमण के जरिए ये इंफेक्शन एक से दूसरे व्यक्ति को भी फैल सकता है.

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