Israeli war cabinet: क्या लंबे खिंचते युद्ध से अपने ही देश में घिर रहे हैं नेतन्याहू? जंग के लिए बनाई वार कैबिनेट भंग
War Cabinet Dissolves: विपक्षी नेता बेनी गैंट्ज़ के सरकार से बाहर चले जाने के बाद इस `वार कैबिनेट` को भंग कर दिया गया. बेनी गैंट्ज हमास के खिलाफ युद्ध के शुरुआती दिनों में इजराइल की गठबंधन सरकार में शामिल हुए थे.
Benjamin Netanyahu: इजरायल में हमास के खिलाफ चल रहे युद्ध में बीते कुछ समय से पीएम नेतन्याहू के पक्ष में कुछ अच्छा नहीं चल रहा. हमास के खिलाफ युद्ध शुरू होने पर नेतन्याहू ने एक वार कैबिनेट बनाई थी. इस कैबिनेट में भी युद्ध की रणनीति बनती थी. अब 9 महीने बाद नेतन्याहू ने इस कैबिनेट को भंग कर दिया है. एक दिन पहले ही नेतन्याहू ने गाजा में 11 घंटे का युद्ध विराम का फैसला भी लिया था.
मनमुटाव के बाद भंग करने का फैसला
वार कैबिनेट में ही मनमुटाव के बाद इसे भंग करने का फैसला लिया गया है. विपक्षी नेता बेनी गैंट्ज़ के सरकार से बाहर चले जाने के बाद इस 'वार कैबिनेट' को भंग कर दिया गया. बेनी गैंट्ज हमास के खिलाफ युद्ध के शुरुआती दिनों में इजराइल की गठबंधन सरकार में शामिल हुए थे. गैंट्ज ने मांग की थी कि नेतन्याहू की सरकार में अति-दक्षिणपंथी सांसदों को दरकिनार करने के लिए एक छोटा मंत्रिमंडल बनाया जाए.
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युद्ध की रणनीति मिलकर बनाती थी कैबिनट
गेंट्ज, नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योआव गैलेंट इसके सदस्य थे और उन्होंने पूरे युद्ध के दौरान मिलकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए. इजराइली अधिकारियों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर यह बात कही, क्योंकि उन्हें मीडिया के साथ इस बदलाव पर चर्चा करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि आगे चलकर नेतन्याहू संवेदनशील मुद्दों पर अपनी सरकार के कुछ सदस्यों के साथ छोटी-छोटी बैठकें करेंगे.
नेतन्याहू के फैसलों से नाराज थे गैंट्ज
नेतन्याहू के पुराने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी गैंट्ज, दक्षिणी इजराइल पर सात अक्टूबर को हमास के हमले के बाद एकजुटता दिखाने के लिए सरकार में शामिल हुए थे. उन्होंने नेतन्याहू के युद्ध से निपटने के तरीके पर निराशा जताते हुए इस महीने की शुरुआत में सरकार से इस्तीफा दे दिया था. आलोचकों का कहना है कि नेतन्याहू के युद्धकालीन निर्णय उनकी सरकार के अतिराष्ट्रवादियों से प्रभावित हैं, जो बंधकों की रिहाई के बदले युद्ध विराम लाने वाले समझौते का विरोध करते हैं. उन्होंने गाजा पट्टी से फलस्तीनियों के 'स्वैच्छिक प्रवास' और इस क्षेत्र पर फिर से कब्जा करने के लिए समर्थन व्यक्त किया है. नेतन्याहू ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वह देश के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हैं.