यरूशलम: इजरायल में राजनीतिक संकट गहरा गया है. संसद को भंग किए जाने के प्रारंभिक प्रस्ताव के बहुमत से पारित होने के साथ ही देश दो साल में चौथी बार आम चुनाव कराए जाने के करीब पहुंच गया है. वहीं, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) की गठबंधन सरकार के सहयोगी बेनी गेंट्ज ने नेतन्याहू पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि अब बेहतर यही होगा कि देश में नए चुनाव कराए जाएं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

Corruption के लगे हैं आरोप
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के लिए यह मुश्किल की घड़ी है. उन पर पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और काफी समय से उनके खिलाफ प्रदर्शन भी हो रहे हैं. ऐसे में यदि चुनाव होते हैं तो नेतन्याहू के लिए फिर से सत्ता में आना मुश्किल हो जाएगा. इजरायल में बुधवार को संसद को भंग करने के लिए विपक्ष द्वारा 120 सदस्यीय सदन में लाये गये प्रस्ताव के पक्ष में 61 वोट पड़े, जबकि विरोध में 54. यह प्रस्ताव अब चर्चा के लिए विधायी समिति में जाएगा.


ये भी पढ़ें - SC का UP सरकार से सवाल: आप भगवान कृष्ण के नाम पर हजारों पेड़ कैसे गिरा सकते हैं?


अगले हफ्ते अंतिम Voting
 


इससे एक दिन पहले सरकार के सहयोगी और रक्षा मंत्री बेनी गेंट्ज (Benny Gantz) ने कहा था कि उनकी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी इस विधेयक के पक्ष में मतदान करेगी, जिसमें प्रधानमंत्री नेतान्याहू पर आरोप लगाया गया है कि वह अपने राजनीतिक उद्देश्यों की खातिर लोगों को लगातार गुमराह कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार, अगले सप्ताह की शुरुआत में अंतिम मतदान के बाद संसद को भंग किया जा सकता है. इसके बाद मार्च या अप्रैल में इजरायल में फिर से चुनाव हो सकते हैं.


अब सबकुछ Benjamin पर 
गेंट्ज ने आरोप लगाया है कि जब से सरकार बनी है, तभी से प्रधानमंत्री गठबंधन के वादे नहीं निभा रहे हैं. उन्होंने हाल ही में कहा था कि गठबंधन सहयोगियों को पता होना चाहिए कि उनका नेता क्या कर रहा है. हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि हमारे पास अब कोई रास्ता नहीं है. अब अगर सरकार और गठबंधन बचाने की किसी पर जिम्मेदारी है तो वो नेतन्याहू हैं. उन्हें यह तय करना होगा कि वे क्या चाहते हैं.


सामने आए मतभेद
 


बता दें कि नेतन्याहू लिकुड पार्टी के अध्यक्ष हैं, जबकि गेंट्ज ब्लू एंड व्हाइट पार्टी से जुड़े हैं. मई में दोनों दलों ने एक साझा समझौते के तहत सरकार बनाई थी. हालांकि, जल्द ही दोनों दलों के बीच मतभेद सामने आने लगे. गेंट्ज का कहना है कि बेंजामिन नेतन्याहू वादी खिलाफी कर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने इन आरोपों को गलत बताया है. माना जा रहा है कि अंतिम मतदान को टालने के लिए दोनों पक्षों में बातचीत हो सकती है. नेतन्याहू पूरी कोशिश करेंगे कि दोबारा चुनाव न हों, अन्यथा उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है. बता दें कि नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अच्छे दोस्त माने जाते हैं.