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लंदन: ब्रिटेन (Britain) निवासी दो बच्चों की सूझबूझ और समझदारी के चलते उनकी मां (Mother) की जान बच गई. मां को बेहोशी की हालत में देखकर भी बच्चों ने बिना घबराए स्थिति को संभाला और पुलिस की मदद से उन्हें अस्पताल पहुंचाया. इन बच्चों की समझदारी और बहादुरी की हर तरफ तारीफ हो रही है. स्टैफोर्डशायर (Staffordshire) निवासी रिबेका होल्फोर्ड (Rebecca Holford) सीढ़ियों से उतरते समय गिरकर बेहोश हो गई थीं, जब उनकी आंख खुली तो उन्होंने खुद को अस्पताल में पाया.
‘मिरर’ में छपी खबर के अनुसार, रिबेका होल्फोर्ड (Rebecca Holford) अपने घर की सीढ़ियों से उतरते समय गिरकर बेहोश हो गई थीं. जिस समय यह हादसा हुआ उनकी सात साल की बेटी नेव (Neve) और पांच वर्षीय बेटा बिली (Billy) घर पर ही मौजूद थे. अपनी मां को इस हालत में देखकर भी बच्चे पैनिक नहीं हुए. उन्होंने तुरंत समझदारी दिखाते हुए 911 को फोन किया और मदद मांगी.
एम्बुलेंस सर्विस के चीफ ने बच्चों की बहादुरी और समझदारी की सराहना करते हुए कहा कि यदि वह सही वक्त पर सहायता नहीं मांगते, तो कुछ बुरा भी हो सकता था. हादसे के बाद बेटी नेव ने सबसे पहले रिबेका का फोन खोजा और तुरंत 911 पर कॉल लगा दिया. इस बीच, बिली ने कंबल से मां को ढंक दिया ताकि उन्हें ठंड न लग जाये. वह लगातार यह कहता जा रहा था कि मेरी मां की मौत हो गई है.
खास बात यह रही कि सात वर्षीय नेव को घर का पूरा पता याद था, इस वजह से एम्बुलेंस को वहां पहुंचने में कोई परेशानी नहीं हुई. इतना ही नहीं, वह ऑपरेटर को अपनी मां के बारे में लगातार जानकारी भी देती जा रही थी. रिबेका होल्फोर्ड ने बताया कि गुरुवार को अचानक वह अचानक सीढ़ियों से गिरकर बेहोश हो गईं, उसके बाद जब उनकी आंख खुली तो उन्होंने खुद को अस्पताल में पाया. रिबेका ने कहा कि उन्हें अपने बच्चों पर गर्व है.
रिबेका मधुमेह से पीड़ित हैं और पिछले दो वर्षों में उनकी पीठ के चार ऑपरेशन हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं बच्चों को हमेशा समझाती रहती थी कि इमरजेंसी के समय क्या करना है. नेव मेरी हर बात को ध्यान से सुनती थी और शायद इसीलिए उसने घबराए बिना तुरंत मदद के लिए कॉल किया’. रिबेका ने आगे कहा कि भगवान का शुक्र है कि बच्चे उस वक्त घर पर थे, यदि वे नहीं होते तो पता नहीं मैं कब तक ऐसे ही पड़ी रहती. उन्होंने कहा कि सभी पेरेंट्स को अपने बच्चों को आपात स्थिति के लिए तैयार करना चाहिए.