विभिन्न पार्टियों के सांसदों ने अलग-अलग कारणों से इस समझौते का विरोध किया है.
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लंदन: ब्रिटिश संसद में ब्रेक्जिट समझौते पर मंगलवार को ऐतिहासिक मतदान होना है. समझौते के खारिज होने को लेकर सभी पक्ष चिंतित हैं. ब्रेक्जिट से निकलने के लिये 29 मार्च की तारिख निर्धारित की गयी है. इसमें दो महीने बचे हैं. यदि ब्रिटिश संसद में यह प्रस्ताव पारित नहीं होता है तो ब्रिटेन की यूरोपीय संघ छोड़ने की योजना खटाई में पड़ सकती है.
विभिन्न पार्टियों के सांसदों ने अलग-अलग कारणों से इस समझौते का विरोध किया है. हालांकि, टेरेसा मे ने सासंदों से इस पर एक बार फिर से विचार करने का आग्रह किया है. मे ने बताया कि नहीं, यह पूरी तरह सही नहीं है. पर हां, यह वास्तव में मध्यमार्ग है. लेकिन जब इतिहास लिखा जायेगा, तो लोग संसद के फैसले को देखेंगे और पूछेंगे: क्या हमने यूरोपीय संघ को छोड़ने के लिये मतदान किया? या फिर हमनें देश की जनता को निराश किया.
उल्लेखनीय है कि 18 महीने तक चली बातचीत की प्रक्रिया के बाद नवंबर में यूरोपीय संघ के साथ ब्रेक्जिट समझौते पर सहमति हुई थी. दिसंबर में समझौते को लेकर निम्न सदन (हाउस ऑफ कॉमन्स) में मतदान होना था लेकिन हार के डर से इसे टाल दिया गया था. इसके बाद से वह सांसदों को स्पष्टीकरण दे रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह सांसदों को मना लेंगी.
विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने कहा कि मे सांसदों की चिंताओं को दूर करने में 'पूरी तरह से नाकाम रही हैं' और यदि वह मंगलवार रात को होने वाले मतदान में हार जाती हैं, तो उन्हें चुनाव कराना चाहिए. ब्रेक्जिट पर स्थानीय समयानुसार शाम सात बजे मतदान शुरू होना है और उम्मीद की जा रही है सांसद पहले संसोधनों पर फैसला लेंगे, जिसके बाद तय होगा कि ब्रेक्जिट समझौते में बदलाव होगा या फिर इसे रद्द कर दिया जायेगा.