नई दिल्लीः यूं तो संगीत कई लोगों को पसंद होता है. संगीत की भी कई वैरायटी होती है जिन्हें लोग हर मौके के हिसाब से सुनना पसंद करते हैं. लेकिन कुछ संगीत ऐसे होते हैं जो दिल को छू जाते हैं. इंसानों को संगीत पसंद होना तो आम बात है लेकिन क्या किसी को मालूम है कि बंदरों को म्यूजिक पसंद है? जी हां, बंदरों को भी संगीत बेहद पसंद होता है. हाल ही में एक ब्रिटिश संगीतकार का म्यूजिक सुनने दर्जन भर से अधिक बंदर एकत्रित हुए थे. इस संगीतकार का नाम पॉल बार्टन (Paul Barton) है जिन्होंने बंदरों को भी अपने म्यूजिक का दीवाना बना दिया.
थाइलैंड की एक ऐतिहासिक इमारत पर जब पॉल बार्टन (Paul Barton) ने अपने पियानो को बजाया तो यहां के शैतान बंदर भी संगीत की धुन में खो गए. बंदरों को पियानो बजाने वाले बार्टन से इतना प्यार हो गया कि कोई उनके बालों पर हाथ फेरता नजर आया तो कोई उनकी छाती से लिपट गया. कई बंदर उनके पियानो पर बैठे देखे गए. दर्जन भर से ज्यादा बंदरों ने बार्टन को घेर लिया और वहीं बैठे-बैठे संगीत को सुनते रहे.
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बंदरों को पसंद आई बार्टन के पियानो की धुन
बार्टन ने हाल ही में लोपबुरी इलाके की चार जगहों पर प्यानो बजाया था. ये क्षेत्र कुख्यात बंदरों के लिए प्रसिद्ध है लेकिन जब बार्टन ने यहां अपना संगीत बजाया तो बंदर ने किसी तरह का उत्पात नहीं किया. बार्टन ने अपना प्यानो का संगीत लोपबुरी इलाके के एक प्राचीन हिंदू मंदिर, एक हार्डवेयर स्टोर और एक सिनेमाघर में बजाया.
बंदरों की शैतानियां देख संगीतकार भी हुए खुश
इन जगहों पर जैसे ही बार्टन ने पियानो बजाना शुरू किया तो सब बंदर संगीत सुनने के लिए तेजी दौड़ते दिखे. तस्वीर में आप साफ देख सकते हैं कि संगीत सुनने के लिए किस कदर बंदरों ने बार्टन को चारों ओर से घेर रखा है. कुछ उनके कंधे पर बैठे हैं, और कुछ पियानो पर. छोटे बंदर पियानो के बटन को प्रेस करते नजर आए और कईयों ने बार्टन के संगीत के नोट्स को चबाने की कोशिश की. बार्टन ने बताया कि "जंगली जानवरों को देखना शानदार मौका था.''
भूख से परेशान हैं थाइलैंड के बंदर हुए आक्रामक
हालांकि कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन के चलते थाइलैंड में बंदरों का बुरा हाल है. उनकी देखभाल के लिए मिलने वाले फंड में भी भारी कमी आई है जिसके चलते उनका ठीक से खान-पान भी नहीं हो पा रहा है. लिहाजा अब इन बंदरों ने आस-पास के इलाके के लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है. संगीतकार बार्टन जानवरों के लिए राहत की उम्मीद करते हैं, जिन्हें लॉकडाउन के दौरान पर्यटन में गिरावट के कारण सामान्य से कम मदद मिल रही है. लंबे समय से थाइलैंड में रह रहे 59 साल बार्टन ने कहा, "हमें इनकी देखरेख के लिए प्रयास की जरूरत है ताकि बंदरों का खान-पान ठीक तरीके से हो सके. उन्होंने आगे कहा कि जब बंदर ठीक से खाएंगे तो वे शांत हो जाएंगे और आक्रामक नहीं होंगे."