ब्रिटेन 29 मार्च को EU से होगा अलग, PM ने देश को एकजुट रखने का लिया संकल्प
Advertisement

ब्रिटेन 29 मार्च को EU से होगा अलग, PM ने देश को एकजुट रखने का लिया संकल्प

भविष्य में ब्रिटेन-ईयू के संबंधों पर समझौता करने में अब केवल कुछ ही महीने बाकी हैं. 

संसद में अक्टूबर में मतदान होने की संभावना है.(फाइल फोटो)

लंदन: ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने ब्रेक्जिट के बाद देश को मजबूत और एकजुट रखने के संकल्प लिया. मे ने यह प्रतिक्रिया ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने से एक साल पहले की है. बीबीसी की गुरुवार की खबर के मुताबिक, ब्रिटेन आधिकारिक रूप से 29 मार्च 2019 को ईयू से अलग होगा. मे ब्रेक्जिट के खिलाफ और उसके समर्थन में लोगों से अपील करने के लिए इंगलैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के दौरे के लिए तैयार है. भविष्य में ब्रिटेन-ईयू के संबंधों पर समझौता करने में अब केवल कुछ ही महीने बाकी हैं.

ब्रिटेन 21 महीने की परिवर्तनकाल अवधि में प्रवेश करने वाला है जिसके दौरान अंतिम स्थायी सदस्यता मिलने से पहले तक कुछ वर्तमान इंतजाम जारी रहेंगे.  लेकिन उससे पहले मे को संसद में समझौते पर सहमत होना होगा.  संसद में अक्टूबर में मतदान होने की संभावना है. आयरिश सीमा को बाधा करार देते हुए मे ने कहा कि वह अपने आम घरेलू बाजार में किसी भी तरह की नई बाधा की रचना नहीं करने का वादा करती हैं.

यह भी पढ़ें- नाजुक दौर से गुजर रहा है यूरोपीय संघ

पिछले साल जून में दोनों पक्षों के बीच आधिकारिक बातचीत शुरू होने के बाद से ब्रेक्जिट 'डायवोर्स बिल' पर एक समझौता अटका हुआ है, लेकिन मुख्य मुद्दा है कि वे एक साथ व्यापार कैसे करेंगे, जिसका निपटान अभी बाकी है. 

सूडान, ईयू के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर समझौता
आपको बता दें कि सूडान और यूरोपीय संघ (ईयू) ने आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए 14 मार्च को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, समझौते पर हस्ताक्षर सूडान राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी प्राधिकरण और स्पेन के इंटरनेशनल एंड इबेरो-अमेरिकन फाउंडेशन फॉर एडमिनिस्ट्रेशन एंड पब्लिक पॉलिसीज (एफआईआईएपीपी) के बीच मंगलवार को हुए.

ईयू ने एफआईआईएपीपी को यमन और कुछ अफ्रीकी देशों में कानून के राज और आतंकवाद से निपटने के लिए अपने कार्यक्रमों को लागू करने के लिए नियुक्त किया हुआ है. इस समझौते का उद्देश्य अनुभवों का आदान-प्रदान करना और आतंकवाद, कट्टरता और हिंसा के खिलाफ सूडान के कानूनों को सख्ती से लागू करना है.

इस दौरान सूडान के विदेश मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी अब्दुल-गनी अल-नाइम ने सूडान द्वारा आतंकवाद व कट्टरता के सभी रूपों के खिलाफ लड़ाई के समर्थन के प्रयासों को जाहिर किया. एफआईआईएपीपी के महानिदेशक प्रेडो फ्लोर्स ने भी आतंकवाद के खिलाफ सूडान की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया.

इनपुट भाषा से भी 

Trending news