ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस 28 दिनों तक बैंकनोट्स और फोन जैसी वस्तुओं पर जीवित रह सकता है.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण फिलहाल पीछा छोड़ता नहीं दिख रहा. तमाम एहतियातों के बावजूद संक्रमण का प्रसार थम नहीं रहा है. हर रोज कोरोना को लेकर नई-नई जानकारी सामने आ रही है. अब ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी (Australia national science agency) के अपने एक अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस 28 दिनों तक बैंकनोट्स और फोन जैसी वस्तुओं पर जीवित रह सकता है. इस अध्यन में यह भी पाया गया कि तापमान इस वायरस के जीवित रहने की अवधि को तय कर सकता है.
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तापमान में वृद्धि के साथ वायरस होता है कमजोर
अध्ययन के दौरान पाया गया है कि 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर, SARS-CoV-2 चिकनी सतहों पर बेहद मजबूत था. ग्लास, मोबाइल फोन, स्टील और प्लास्टिक बैंकनोट्स पर 28 दिनों तक जीवित रहा. 30 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर वायरस के जीवित रहने की दर सात दिन तक नीचे आ गई. 40 डिग्री सेल्सियस पर यह 24 घंटे तक और गिर गई. इस अध्यन में पता चला कि तापमान में वृद्धि के साथ वायरस कमजोर हुआ.
पिछले शोध से इस बार आए अलग परिणाम
अध्ययन में यह भी पता चला कि कपास और अन्य वस्तुओं पर वायरस छोटी अवधि के लिए जीवित रहा, सबसे कम तापमान पर 14 दिन तक और उच्चतम पर 16 घंटे तक. नए परिणामों से पता चलता है कि पिछले शोध से जो SARS-CoV-2 गैर-छिद्रपूर्ण सतहों पर चार दिनों तक जीवित रह सकता था की तुलना में अब वायरस काफी लंबे समय तक मौजूद रह सकता है.
कतई न करें ऐसी लापरवाही
ऑस्ट्रेलियन सेंटर फॉर डिसीज प्रिपेयर्डनेस (Centre for Disease Preparedness) के निदेशक ट्रेवर ड्रू ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति मोबाइल, नोट आदि को छूने के मामले में लापरवाही बरतता है और फिर उन्हीं हाथों से नाक या आंख को छूता है तो उसके संक्रमित होने का जोखिम अधिक है.
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