परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता के लिए अमेरिका के जोर दिए जाने के वाबजूद चीन ने आज कहा कि समूह के सदस्य देश गैर एनपीटी राष्ट्रों को इसमें शामिल किए जाने के मुद्दे पर बंटे हुए हैं। साथ ही, चीन ने इस बात पर जोर दिया है कि वियना बैठक में भारत और अन्य देशों के समूह में शामिल होने को लेकर कोई विचार विमर्श नहीं हुआ। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने पिछले हफ्ते हुई वियना बैठक का जिक्र करते हुए एक बयान में कहा कि परमाणु हथियार अप्रसार (एनपीटी) संधि पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले भारत या अन्य देशों को एनएसजी में शामिल किए जाने से जुड़े किसी भी विषय पर चर्चा नहीं हुई।
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बीजिंग: परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता के लिए अमेरिका के जोर दिए जाने के वाबजूद चीन ने आज कहा कि समूह के सदस्य देश गैर एनपीटी राष्ट्रों को इसमें शामिल किए जाने के मुद्दे पर बंटे हुए हैं। साथ ही, चीन ने इस बात पर जोर दिया है कि वियना बैठक में भारत और अन्य देशों के समूह में शामिल होने को लेकर कोई विचार विमर्श नहीं हुआ। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने पिछले हफ्ते हुई वियना बैठक का जिक्र करते हुए एक बयान में कहा कि परमाणु हथियार अप्रसार (एनपीटी) संधि पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले भारत या अन्य देशों को एनएसजी में शामिल किए जाने से जुड़े किसी भी विषय पर चर्चा नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि एनएसजी चेयर (अध्यक्ष) अर्जेंटीना के राजदूत राफेल मरीयानो ग्रोसी ने नौ जून को 48 सदस्यीय एनएसजी की अनाधिकारिक बैठक बुलाई थी। उन्होंने बताया कि चेयर ने कहा कि इस बैठक का कोई एजेंडा नहीं था और यह एनएसजी के दायरे पर सभी पक्षों से विचार सुनने के लिए और एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए आयोजित की गई थी। रिपोर्ट एनएसजी की सोल में इस महीने 24 जून को होने वाली पूर्ण बैठक में सौंपी जाएगी। हालांकि, वियना में राजनयिक सूत्रों ने इससे पहले कहा था कि भारत की सदस्यता पर बैठक में चर्चा हुई और वार्ता बेनतीजा रही।
चीन ने कहा है कि एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों को इस आधार पर एनएसजी में शामिल नहीं किया जाए कि यह अप्रसार को रोकने की कोशिशों की अनदेखी करेगा। भारत को शामिल किए जाने पर एक सहमति बनाने के लिए एनएसजी के अंदर पूर्ण चर्चा की अपील करते हुए होंग ने कहा कि चीन रचनात्मक तरीके से चर्चा में भाग लेगा। उन्होंने बताया कि चीन ने इस बात का जिक्र किया है कि कुछ गैर एनपीटी देश एनएसजी में शामिल होने की आकांक्षा रखते हैं लेकिन जब गैर एनपीटी देशों को शामिल किए जाने की बात आती है तब चीन का कहना है कि समूह को आमराय बनाने से पहले पूरी चर्चा करनी चाहिए और सहमति के आधार पर फैसला करना चाहिए।