नई दिल्ली. लद्दाख (Ladakh) के पैंगोंग झील (Pangong Lake) इलाके में 29-30 अगस्त की रात को भारतीय सेना (Indian Army) से मुंह की खाने के बाद से चीन बिलबिला रहा है. चीन को दूसरी बार पता चल गया है कि ये भारत 1962 का भारत नहीं है, ये वो नया भारत है जो घुसपैठ करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देता है. वहीं अब इसकी एक इंच जमीन पर भी कोई कब्जा नहीं कर पाएगा.


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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) तिब्बत (Tibbat) पर नियंत्रण करना चाहते हैं. इसलिए अब वो चीन की सेना के जरिये भारत को उकसा रहे हैं. लेकिन वो उन परेशानियों को नजरअंदाज कर रहे है, जो उनके देश को अंदर से खत्म कर रही हैं. चीनी के बैंक लगातार संकट में चल रहे हैं, वहीं तेल कंपनियों की हालत खस्ता है. चीन में खाद्यान संकट भी बढ़ रहा है लेकिन इन सबके बावजूद चीन भारत के लद्दाख पर कब्जा करने के लिए अलग-अलग रणनीति अपना रहा है, जिससे उसे हर बार मुंह की खानी पड़ रही है.


चीन के पांच सबसे बड़े बैंकों ने पिछले एक दशक में सबसे बड़ा नुकसान हुआ है. इसकी सूचना बैंकों ने सरकार को दी है. 


ये पांच बैंक हैं: 
1. चीन का औद्योगिक और व्यावसायिक बैंक (Industrial and Commercial Bank of China)
2. चायना कंस्ट्रक्शन बैंक (China Construction Bank)
3. चीन के कृषि बैंक (Agricultural Bank of China)
4. बैंक ऑफ चाइना (Bank of China)


सभी बैंको ने पिछले सप्ताह चीन की सरकार को अपने परिणामों की जानकारी दी. चीनी बैंकों को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है. कारण बहुत आसान है. सरकार उन्हें लूट रही है. चीनी राज्य का बड़े बैंकों पर नियंत्रण है. वे सभी "राष्ट्रीय सेवा" में दब गए हैं. बता दें कि, चीन द्वारा इन बैंकों का इस्तेमाल अर्थव्यवस्था में पैसा डालने के लिए किया जा रहा है. जिसमें सबसे बड़ा झटका चीन को वुहान शहर से फैले वायरस से निपटने में लगा है.


बीजिंग ने फाइनेंस संस्थानों से 219 बिलियन डॉलर का त्याग करने को कहा है. चीनी बैंकों का कहना है कि उन्हें पता है कि इन पैसे का भुगतान फिर वापस नहीं होगा और इन पैसे को दोबारा प्राप्त नहीं कर सकेंगे. बैंकों ने कहा, "उन्हें उधार दरों को कम करने और ऋणों के भुगतान को स्थगित करने के लिए कहा गया है.   


तेल कंपनियों की हालत खस्ता
चीन में बैंक के साथ ही तेल कंपनियों के लाभ में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. चीन की सबसे बड़ी तेल कंपनी सिनोपेक एशिया की सबसे बड़ा रिफाइनर है. इस कंपनी को 3.2 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है. पेट्रोचिना चीन की सबसे बड़ी तेल उत्पादक है. इसे 29.98 बिलियन युआन का बड़ा नुकसान भी हुआ है.  


चीन में गहराया खाद्यान संकट 
​चीन में खाद्यान संकट गहराता जा रहा है. शी जिनपिंग ने चीनी लोगों से कहा कि वो उतना ही खाना खाएं, जितनी जरूरत हो. इस अभियान के अनुसार, रेस्तरां में चार लोगों के एक समूह को केवल 3 लोगों के लिए खाने का ऑर्डर देना चाहिए. एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन में कई किसान फसलों की जमाखोरी कर रहे हैं. उनका मानना ​​है कि इस मौसम में आपूर्ति में कमी होगी.  


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