अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा कोरोनोवायरस संकट के बीच चीन के साथ "रिश्तों को खत्म" की धमकी देने के एक दिन बाद, चीन के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है.
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बीजिंग: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा कोरोनोवायरस संकट के बीच चीन के साथ 'रिश्तों को खत्म' की धमकी देने के एक दिन बाद, विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 'चीन और अमेरिका को महामारी के खिलाफ सहयोग को मजबूत करना जारी रखना चाहिए, महामारी को जल्द से जल्द हराना चाहिए, रोगियों का इलाज करना चाहिए और अर्थव्यवस्था-उत्पादन को बहाल करना चाहिए.'
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, "लेकिन इसके लिए अमेरिका को चीन के साथ आधे रास्ते पर मिलने की जरूरत है." विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "चीन-अमेरिका संबंधों के निरंतर विकास को बनाए रखना दोनों दोनों देशों के लोगों के बुनियादी हितों में है, साथ ही यह विश्व शांति और स्थिरता के लिए भी अनुकूल है."
बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार को कहा था कि वह चीन के साथ 'रिश्तों को पूरी तरह खत्म कर सकते हैं'. चीन का जिक्र करते हुए अमेरिका के एक टेलीविजन समाचार चैनल फॉक्स बिजनेस न्यूज से ट्रम्प ने कहा, "अगर आपने पूरे रिश्ते को काट दिया, तो आप 500 बिलियन डॉलर बचाएंगे." वहीं राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए उन्होंने कहा था कि अभी वो उनसे बात नहीं करना चाहते हैं.
ट्रंप प्रशासन ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन पर बार-बार हमला किया है. इस वायरस ने संयुक्त राज्य अमेरिका में 80,000 से अधिक लोगों का जीवन छीन लिया है और 1.3 मिलियन यानी कि 13 लाख से अधिक लोगों को संक्रमित किया है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले कहा था कि इस वायरस को वुहान की प्रयोगशाला से लीक किया गया था, लेकिन चीन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया. ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ को सहायता देना बंद कर दिया और उस पर यह आरोप लगाया कि उसका रवैया "चीन को लेकर पक्षपाती" था. पहले एक ट्वीट में वे वायरस के मूल का खुलासा करने के लिए चीनी अधिकारियों पर दबाव डालते हुए वायरस को "चीन से आया प्लेग" भी कह चुके हैं.