चीन से आ रहे मास्क और किट की खराब गुणवत्ता की कई देशों ने लगातार शिकायतें कीं, इसके बाद आखिरकार चीन को झुकना पड़ा.
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नई दिल्ली: चीन (China) से आ रहे मास्क (Mask) और किट की खराब गुणवत्ता की कई देशों ने लगातार शिकायतें कीं, जिसके बाद चीन झुकने पर मजबूर हो गया. एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक चीन ने रविवार को 89 मिलियन से अधिक फेस मास्क जब्त किए हैं.
चीन के वुहान (Wuhan) से पैदा होने के बाद ये कोरोना वायरस (Coronavirus) पूरी दुनिया में फैला और जब मास्क समेत अन्य चिकित्सा सामग्री की जरूरत हर देश को पड़ी तो चीन ने घटिया माल उंचे दाम में दिया.
कई दिन तक तो घटिया माल की शिकायतें आने पर भी चीन के कान पर जूं नहीं रेंगी लेकिन जब ये सिलसिला नहीं थमा तो चीन को अपने ही देश में छापामारी करनी पड़ी.
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मार्केट रेगुलेशन के राज्य प्रशासन के उप निदेशक गण लिन ने कहा कि देश के बाजार नियामकों ने लगभग 16 मिलियन व्यवसायों का निरीक्षण किया और 89 मिलियन मास्क और 418,000 से अधिक सुरक्षात्मक किट जब्त किए हैं. यानि कि घटिया क्वालिटी के सामान बनाकर और बेचकर चीन कितनी जिंदगियों से खेल रहा था.
इतना ही नहीं अधिकारी ने यह भी कहा कि 7.6 मिलियन युआन (1.1 मिलियन डॉलर) से अधिक के अप्रभावी कीटाणुनाशक भी जब्त किए गए हैं.
स्पेन-नीदरलैंड आदि ने खारिज कर दिए थे चीन के मास्क
चीन को यह कदम तब उठाना पड़ा जब स्पेन, नीदरलैंड, चेक गणराज्य और तुर्की ने खराब गुणवत्ता के कारण चीन से हजारों, लाखों की तादाद में आयातित सुरक्षात्मक मास्क का उपयोग नहीं करने का फैसला किया.
पिछले हफ्ते, कनाडाई सरकार ने कहा कि चीन से आयातित लगभग एक मिलियन फेस मास्क स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपयुक्त मानकों को पूरा करने में विफल रहे हैं. पिछले महीने नीदरलैंड ने भी अस्पतालों से लगभग 5,00,000 चीनी मास्क को शिकायतों के बाद वापस ले लिया, जिनमें कहा जा रहा था कि ये मास्क ना तो चेहरे को ठीक से कवर करते थे, ना ही इनके फिल्टर ठीक थे.
आखिर में चीन ने शनिवार को नए नियमों को जारी कर कहा कि गैर-चिकित्सा मास्क को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों गुणवत्ता मानकों को पूरा करना चाहिए. वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि निर्यातकों को लिखकर यह घोषणा भी करनी चाहिए कि उनके चिकित्सा उपकरण गंतव्य देश के सुरक्षा मानदंडों से मेल खाते हैं.
बता दें कि इस कोरोना वायरस ने अब तक वैश्विक रूप से लगभग 29 लाख लोगों को संक्रमित किया है और इसलिए पूरी दुनिया में फेस मास्क और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की मांग बढ़ी है.
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