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वॉशिंगटन: चीन (China) अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों (American Troops) पर हमले की योजना बना रहा है. चीन स्थानीय कट्टरपंथियों की मदद से अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाना चाहता है. अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसियों को इसके पुख्ता सबूत मिले हैं कि बीजिंग अफगानिस्तान (Afghanistan) के लोगों को पैसा देकर वहां तैनात अमेरिकी सैनिकों पर हमले की साजिश रच रहा है. इस संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को विस्तार से जानकारी दी गई है.
चीन की यह कोशिश अफगानिस्तान (Afghanistan) में शांति बहाली की कोशिशों को नुकसान पहुंचा सकती है. अफगान में अमेरिका (America) की पहल पर सरकार और तालिबान में बातचीत चल रही है. हालांकि, पाकिस्तान और चीन नहीं चाहते कि शांति प्रक्रिया आगे बढ़े. इसलिए दोनों हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि वर्षों तक गृहयुद्ध झेलने वाले अफगानिस्तान में हालात पहले जैसे हो जाएं. यही वजह है कि बीजिंग अब भाड़े के आतंकियों से अमेरिकी सैनिकों पर हमला कराना चाहता है.
NSA ने की Trump से मुलाकात
CNN की रिपोर्ट में वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि चीन अब अफगानिस्तान में तैनात US सैनिकों पर भाड़े के लोगों के जरिए हमले की साजिश रच रहा है. इस बारे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 17 दिसंबर को पूरी जानकारी दी गई थी. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) रॉबर्ट ओ‘ब्रायन (Robert O'Brien) ने खुद इससे राष्ट्रपति को अवगत कराया था. हालांकि, अभी ये पता नहीं चल सका है कि रिपोर्ट सामने आने के बाद ट्रंप ने क्या कदम उठाया.
कुछ समय पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने आरोप लगाया था कि रूस ने अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों को मारने की योजना बनाई है. एजेंसियों की तरफ से कहा गया था कि रूस ने इसके लिए बाकायदा इनाम भी घोषित किया है. इस संबंध में ट्रंप को भी बताया गया था, लेकिन यह बात सामने आई थी कि उन्होंने काफी वक्त पर खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट पर कोई ध्यान नहीं दिया. रूस ने अमेरिका ने इस आरोप को पूरी तरह गलत बताया था.
CNN के अनुसार, अब तक यह साफ नहीं है कि चीन की इस साजिश के बारे में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) को जानकारी दी गई है या नहीं. हालांकि, चुनाव में जीत के बाद से उन्हें रोजाना इंटेलिजेंस ब्रीफिंग मिल रही है. बता दें कि बाइडेन 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करने वाले हैं. सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि चीन को लेकर उनका रुख क्या रहता है. डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका ने चीन के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं.