बीजिंग : दो दिवसीय चीन की यात्रा पर गुरुवार (26 अप्रैल) देर रात बीजिंग पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. वुहान प्रांतीय संग्रहालय में पीएम मोदी का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया. चीनी राष्‍ट्रपति ने प्रोटोकॉल तोड़कर हाथ मिलाकर स्‍वागत किया. इस दौरान पीएम मोदी ने एक पारंपरिक नृत्‍य प्रस्‍तुति भी देखी. इसके बाद दोनों शीर्ष नेताओं ने अनौपचारिक वार्ता भी की. वहीं, चीनी राष्‍ट्रपति राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मिले.


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अनौपचारिक मुलाकात के बाद पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने शिखर वार्ता को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन के पांच तत्व दुनिया को बेहतर बनाएंगे. इस दौरान पीएम मोदी ने जिनपिंग को भारत आने का न्यौता दिया. 


शिखर वार्ता में पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें


  • हमारे बीच जो विश्वास बना है वो दुनिया को धीरे-धीरे दिखाई देगा

  • अनौपचारिक वार्ता के लिए जो माहौल बनाया वो सबसे बेहतर है 

  • जिनपिंग आप भारत आइए इस तरह की वार्ता करते रहेंगे

  • दोनों देशों का विकास दुनिया को धीरे-धीरे दिखाई देगा

  • आपका न्यू एरा, हमारा न्यू इंडिया दुनिया को आगे लेकर जाएगा


 



 


दोनों नेताओं की यह मुलाकात कई मायनों में खास है, जिस पर दुनियाभर की नजरें बनी हुई हैं. माना जा रहा है कि दोनों शीर्ष नेताओं की मुलाकात के चीन और भारत के रिश्तों की कड़वाहट को मिटाने की कोशिश है, जिसमें सीमा मुद्दा तथा पिछले साल हुए डोकलाम गतिरोध जैसे मुद्दे भी शामिल हैं.


मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने क्या-क्या कहा


  • जिस तरह से आपने स्वागत किया उसका आभारी हूं.

  • पीएम मोदी ने कहा कि वह चीन की बिजली उत्पादन क्षमता से प्रभावित हैं


शनिवार को दोनों नेता झील के किनारे टहलेंगे, बोट में यात्रा करेंगे और भोज करेंगे. 

मुलाकात के दौरान क्या बोले शी जिनपिंग


  • वसंत में मुलाकात पवित्र मानी जाती है और यह काफी खास है

  • चीन और भारत की सभ्यता नदी के किनारे विकसित हुई है

  • वुहान ऐसी जगह है जिसे सत्य के लिए जाना जाता है

  • वुहान में मिल रहा हूं, क्योंकि आप यहां पर कभी नहीं आए हैं.


यहां पर भी होगी दोनों नेताओं की मुलाकात


  • वुहान के ईस्ट लेक गेस्ट हाउस में आज की सबसे बड़ी मुलाकात

  • इस अनौपचारिक वार्ता में 6-6 अधिकारी भाग लेंगे 

  • शनिवार को दोनों नेता झील के किनारे टहलेंगे, बोट में यात्रा करेंगे और भोज करेंगे


 



 



 



 



 



 


किसी एमओयू पर नहीं होंगे हस्ताक्षर
पीएम मोदी के चीन रवाना होने से पहले भारत के उच्चायुक्त गौतम बंबावले ने कहा था, 'पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति के बीच अनौपचारिक शिखर वार्ता में बातचीत का कोई तय एजेंडा नहीं होगा.' उन्होंने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के शीर्ष नेताओं को एक ऐसा माहौल देने की कोशिश है, जहां पर वह देशों के हालातों के बारे में स्वतंत्र होकर ना सिर्फ बात कर सके, बल्कि किसी खास योजना पर भी चर्चा कर सकें. उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी पार्क में टहलते हुए और बोट में यात्रा करते हुए बातचीत करेंगे.


पारस्परिक विश्वास को मजबूत करने का मौका- कर्नल वु
इससे पहले चीनी सेना के प्रवक्ता कर्नल वु किआन ने कहा, ‘‘भले ही दोनों सेनाओं के बीच संबंधों में कुछ कठिनाइयां और बाधाएं हैं, हम आपसी समझ को गहरा करने, पारस्परिक विश्वास को मजबूत करने, मतभेदों को अच्छी तरह से सुलझाने और दोनों सेनाओं के बीच संबंधों के स्वस्थ एवं स्थिर विकास की सकारात्मक ऊर्जा के लगातार दोहन के लिए दिशा-निर्देश के रूप में दोनों देशों के नेताओं की महत्वपूर्ण आम सहमति का इस्तेमाल करना चाहते हैं.’’ वह मोदी-शी के बीच शिखर सम्मेलन से उम्मीदों और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण तथा उनके चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंग के बीच बैठक के परिणामों के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे. कर्नल वु की टिप्पणी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रपति शी चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के प्रमुख हैं. शी चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के भी अध्यक्ष हैं. पिछले साल डोकलाम गतिरोध के चलते दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आ गया था.