सिक्किम में मौजूदा तनातनी पहले से अलग, डोकलाम से पीछे हटे भारतीय सेना: चीन
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सिक्किम में मौजूदा तनातनी पहले से अलग, डोकलाम से पीछे हटे भारतीय सेना: चीन

गेंग की टिप्पणी सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में भारत और चीन की सेनाओं के मध्य तनातनी के बीच आयी है, जहां भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों का सड़क निर्माण कार्य रोक दिया.

सिक्किम खंड की एक विशेष ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है और यह चीन एवं भारत के बीच एकमात्र परिभाषित सीमा है. (फाइल फोटो)

बीजिंग: चीन ने बुधवार (12 जुलाई) को दावा किया कि सिक्किम में जारी तनातनी दोनों देशों के बीच पूर्व में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई झड़पों से अलग है क्योंकि यह सीमा के ‘‘परिभाषित खंड’’ में हुई है. इससे पहले विदेश सचिव एस जयशंकर ने मंगलवार (11 जुलाई) को कहा था कि दोनों देश सिक्किम में जारी तनातनी का हल कर लेंगे क्योंकि वे पूर्व में भी इस तरह के सीमा मतभेदों से निपट चुके हैं.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने भारत के विदेश सचिव की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चीन कई बार कह चुका है कि भारतीय सैनिकों ने पारस्परिक रूप से मान्य सीमा रेखा को ‘‘अवैध तरीके से पार किया’’ है. गेंग ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘यह सीमा क्षेत्र के अपरिभाषित खंडों में हुई झड़पों से अलग है.’ 

गेंग की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए नई दिल्ली स्थित आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जिन सिद्धांतों के आधार पर सीमा से जुड़े मुद्दों एवं तीन देशों (भारत, चीन, भूटान) की सीमा के मिलन बिंदु को लेकर दोनों देशों के मतभेदों पर ध्यान दिया जाता है, उनपर पारस्परिक सहमति होती है और वह अच्छे से स्थापित होता है.

गेंग की टिप्पणी सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में भारत और चीन की सेनाओं के मध्य तनातनी के बीच आयी है, जहां भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों का सड़क निर्माण कार्य रोक दिया. प्रवक्ता ने कहा कि सिक्किम खंड की एक विशेष ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है और यह चीन एवं भारत के बीच एकमात्र परिभाषित सीमा है.

उन्होंने चीन का रुख दोहराते हुए कहा, ‘यह पूर्व, मध्य एवं पश्चिमी हिस्से में अपरिभाषित सीमा से पूरी तरह अलग है. 1890 की संधि के अनुसार सिक्किम खंड परिभाषित है और चीन एवं भारत दोनों ने इसे मान्यता दी हुई है.’ गेंग ने कहा, ‘यह संधि दोनों देशों के लिए प्रभावी है. और हम एक बार फिर भारत से सीमा के भारतीय क्षेत्र में तैनात सैनिकों को वापस बुलाने तथा जल्द से जल्द इस विवाद का उचित हल करने की मांग करते हैं.’

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