संवाद टूटने, विश्वास की कमी से हो रहे हैं वैश्विक टकराव: श्री श्री रविशंकर
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संवाद टूटने, विश्वास की कमी से हो रहे हैं वैश्विक टकराव: श्री श्री रविशंकर

आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने कहा कि सभी वैश्विक टकराव मुख्यत: संवाद टूटने और विश्वास की कमी होने के कारण हो रहे हैं. इन दो मुद्दों को हल करना इन टकरावों को सुलझाने की कुंजी है.

रविशंकर ने कहा कि भारत में जाति व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है (फोटो फेसबुक@SriSriRaviShankar)

वॉशिंगटन: आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा कि सभी वैश्विक टकराव मुख्यत: संवाद टूटने और विश्वास की कमी होने के कारण हो रहे हैं. इन दो मुद्दों को हल करना इन टकरावों को सुलझाने की कुंजी है. कुछ वैश्विक संघर्षों को हल करने में व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके रविशंकर ने कहा कि उनकी कोशिश की अहम बात है कि ‘‘ हम लोगों से बात करते हैं’’ और उन्हें यह बताते हैं कि ‘‘ हम उन्हें समझते हैं. ’’ उन्होंने ‘‘ धार्मिक चरमपंथ और आतंक के खिलाफ लड़ाई ’’ पर चर्चा के दौरान कल वॉशिंगटन में कहा, ‘‘ संचार टूटने और विश्वास की कमी होने से टकराव होते हैं. अगर आप किसी तरह इस खाई को भर सकते हैं तो टकराव को हल करने की प्रक्रिया शुरू होती है. ’’

  1. विश्वास की कमी से हो रहे हैं दुनिया भर में टकराव
  2. गलत बातों को दिमाग में भरना आतंकवाद की जड़
  3. स्कूलों में दी जाए बहुसांस्कृतिक और बहु धार्मिक शिक्षा

गलत बातों को दिमाग में भरना आतंकवाद की जड़
श्री श्री रविशंकर ने कहा कि वैश्विक समस्या बन चुके आतंकवाद की जड़ दिमाग में गलत बातों का भरना है जिसे हल करने की जरूरत है. आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि स्कूल और कॉलेज स्तर पर बहुसांस्कृतिक और बहु धार्मिक शिक्षा देना इस दिशा में पहला कदम हो सकता है. उन्होंने शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल के एक सवाल के जवाब में कहा कि हमें बच्चों को जीवन में अहिंसा के महत्व के बारे में पढ़ाने की जरूरत 

जाति व्यवस्था बड़ा मुद्दा
रविशंकर ने कहा कि भारत में जाति व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है और उन्होंने शिकायत करते हुए कहा कि ‘‘ दुर्भाग्य से इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर दिया गया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘शहरों में रहने वाले लोग इससे ऊपर उठ चुके हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों और गांवों में जाति व्यवस्था अब भी है.’’

असुरक्षा की भावना बढ़ने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमें मानव मूल्यों में विश्वास और भरोसा कायम करने की जरूरत है.

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