क्या Corona Vaccine लगने के बाद नहीं होगा कोई खतरा? ये है हकीकत
कोरोना वायरस (Coronavirus) से जूझ रही दुनिया के सामने कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) ही एक उम्मीद की किरण है. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि वैक्सीन के फायदे या नुकसान क्या हैं और टीकाकरण की क्या प्रक्रिया है.
नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) के कहर से अब दुनिया मुक्ति पाने के इंतजार में है. इसके लिए सबसे कारगर उपाय नजर आ रहा है कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine). तमाम देश जल्द वैक्सीन लाने की कोशिश में है. इस बीच ब्रिटेन (UK) ने सामूहिक टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर दी है.
ब्रिटेन ने मारी बाजी
लोगों को Pfizer/BioNTech vaccine की पहली खुराक दी जानी शुरू हो गई है. इसके साथ ही ब्रिटेन कोविड-19 वैक्सीन (Corona Vaccine) को मंजूरी देने वाला पहला यूरोपीय देश बन गया है. एक हफ्ते से पूर्व ही इंग्लैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड में भी टीकाकरण शुरू करने की पूरी तैयारी है.
कितनी खुराक दी जाएगी?
ब्रिटेन में शुरुआत में वैक्सीन का पहला शॉट 50 अस्पतालों में उपलब्ध होगा. सबसे पहले 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों, स्वास्थ्यकर्मियों और नर्सिंग होम स्टाफ को टीका लगाया जाएगा इसके बाद सामान्य स्वस्थ जनता को. Pfizer/BioNTech वैक्सीन की दो खुराक दी जाएंगी. यूके (UK) के स्वास्थ्य अधिकारियों को दिसंबर के अंत तक Pfizer/BioNTech वैक्सीन की 4 मिलियन खुराक की उम्मीद है.
क्या रहेगी प्रक्रिया?
- Pfizer/BioNTech वैक्सीन को RNA तकनीक के साथ विकसित किया गया है. जिसमें कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड का प्रयोग किया गया है.
- यह टीका बांह में लगाया जाएगा.
- टीके की दो खुराक दी जाएंगी.
वैक्सीन के साइड इफेक्ट?
- फाइजर के अनुसार, ट्रायल के दौरान वॉलंटियर्स में मामूली साइड इफेक्ट देखे गए जो जल्दी ही सही भी हो गए.
- दूसरी खुराक के बाद सबसे गंभीर दुष्प्रभाव सामने आए. 3.8 प्रतिशत वॉलंटियर्स को थकान महसूस हुई और 2 प्रतिशत को सिरदर्द की शिकायत.
- अधिक उम्र वालों की अपेक्षा कम उम्र वाले वॉलंटियर ने कम शिकायतें की.
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वैक्सीन कारगर है?
- दावा किया जा रहा है कि दूसरा इंजेक्शन लगने के सात दिन बाद इसका प्रभाव दिखा. दूसरा इंजेक्शन पहले शॉट के लगभग एक महीने बाद लगाया गया.
- ट्रायल के दौरान यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या एक प्रतिरक्षित (immunized) व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है या नहीं.
- हेपेटाइटिस ए जैसे कुछ टीके, इस तरह की सुरक्षा प्रदान करते हैं - जिसे स्टरलाइजिंग इम्यून सिस्टम के रूप में जाना जाता है.
- COVID-19 वैक्सीन निर्माताओं ने परीक्षण के दौरान यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि दवा लोगों को बीमार होने से रोक सके.
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‘कोई भी टीका 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं’
टीका ट्रायल के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ है कि टीकाकरण का मतलब यह कतई नहीं है कि हम जल्द ही सामान्य जीवनशैली अपना सकते हैं क्योंकि कोई भी टीका 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं है. वैज्ञानिक निरंतर सतर्कता की अपील करते रहते हैं. मास्क पहनना, हाथ धोना और सामाजिक दूरी बनाए रखना सबसे जरूरी है.