मॉस्को में दिसंबर 2017 के महीने में केवल 6-7 मिनट ही सूरज निकला. यानी मॉस्कोवासियों ने पिछले महीने सिर्फ 6 से 7 मिनट ही सूरज की रोशनी पाई.
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मॉस्को : भीषण ठंड से जूझ रहे रूस की राजधानी मॉस्को के लिए बीता दिसंबर माह इतिहास में सबसे 'अंधेरे' महीनों में से एक था. इसकी वजह थी कि यहां दिसंबर 2017 के महीने में केवल 6-7 मिनट ही सूरज निकला. यानी मॉस्कोवासियों ने पिछले महीने सिर्फ 6 से 7 मिनट ही सूरज की रोशनी पाई. हाइड्रोमेटोरियोरोलॉजी और पर्यावरण मॉनिटरिंग के लिए रूस की संघीय सेवा के प्रमुख रोमन विलफंड ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
जनवरी के मध्य तक मॉस्को में सूरज की रोशनी दिखाई दी गई
विलफंड ने एक कॉन्फ्रेंस में कहा, "मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी की वेधशाला के मुताबिक, मॉस्को ने दिसंबर में सूर्य का प्रत्यक्ष प्रकाश केवल छह या सात मिनट देखा. इस वजह से कई लोगों को अवसाद का सामना भी करना पड़ रहा है. जनवरी के मध्य तक, नवंबर और दिसंबर के मुकाबले मॉस्को में सूरज की रोशनी दिखाई दी.
ओम्याकॉन गांव में पारा -62 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा
उल्लेखनीय है कि रूस भीषण ठंड की चपेट में है. यहां आलम ये है कि पारा -62 डिग्री तक पहुंच गया है. रूस के याकतस्कु प्रांत में ओम्याकॉन गांव में पारा -62 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा. इस वजह से वहां लगा डिजिटल थर्मामीटर तक टूट गया. यह तापमान मंगल ग्रह (-60 डिग्री) से भी कम है. इस भीषण ठंड के चलते वहां हालात ऐसे हो गए है कि जब लोग अपने घरों से बाहर निकले तो उनकी पलक और भौं के बाल तक जम गए. रूस के ओम्याकॉन में सर्दी के मौसम में औसत तापमान -50 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहता है, लेकिन इस बार तो पारा -62 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. इस जगह करीब 500 लोग रहते हैं.
Extreme cold breaks thermometer in vlllage of Oymyakonhttps://t.co/lVnJH5YvKx #Video: Anastasia Gruzdeva @anastasiagav pic.twitter.com/QM4T91lwtr
— Roberto Blizzard (@VeganYogaDude) January 17, 2018
पेन की स्याही से लेकर पीने का पानी तक जम जाता है
दरअसल, यहां रहने वाले लोग बहुत मौसमीय बदलावों का सामना करते हैं, जिसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. ठंड के हालात के चलते यहां पेन की स्याही से लेकर ग्लास में पीने का पानी तक सबकुछ जम जाता है. सर्दी के मौसम में यहां दिन में बामुश्किल सिर्फ तीन घंटे के लिए रोशनी होती है, जबकि बाकी वक्त अंधेरा छाया रहता है. हालांकि, गर्मी के मौसम में दिन के 21 घंटे रोशनी रहती है, सिर्फ तीन घंटों के लिए ही रात होती है.
बता दें कि दुनिया के कई हिस्से इस समय भीषण ठंड की चपेट में हैं. जहां अमेरिका में ठंड से नदियां और तालाब तक जम गए हैं, वहीं 80 साल में पहली बार न्याग्रा फॉल जनवरी के पहले हफ्ते में ही पूरी तरह जम गया. सहारा रेगिस्तान के एक हिस्से एन सफेरा में तो पहली बार बर्फबारी भी हुई.