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नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ में वैक्सीन (Corona Vaccine) सबसे बड़ा हथियार है. विशेषज्ञों ने कड़ी मेहनत कर लोगों की जान बचाने के लिए कोरोना वैक्सीन बनाई लेकिन कई लोगों ने इसको लेकर भ्रम फैलाया. सरकार द्वारा जागरूक करने के बाद भी कई लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई. ऐसे ही एक शख्स को ये लापरवाही इतनी भारी पड़ी कि जान गंवानी पड़ गई. अपने अंतिम दिनों में उसने वैक्सीन की 'भीख' मांगी लेकिन चूंकि वह संक्रमित हो चुका था इसलिए उसे टीका लगाया जाना संभव नहीं हो सका.
ब्रिटेन के 54 वर्षीय ग्लिन स्टील नामक शख्स ने कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाने से इनकार कर दिया. ग्लिन का इसके पीछे तर्क था कि चूंकि वैक्सीन की टेस्टिंग जानवरों पर हुई है, इसलिए ये शाकाहारी नहीं हो सकती. इसी वजह से उसने कोरोना वैक्सीन लगवाने से इनकार कर दिया. नवंबर में ग्लिन स्टील कोरोना संक्रमित हो गया. चूंकि उसने वैक्सीन नहीं लगवाई थी इसलिए उसकी हालत बहुत जल्दी ही खराब हो गई. आखिरकार उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा लेकिन डॉक्टर भी उसकी जान नहीं बचा पाए.
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ग्लिन स्टील की पत्नी एम्मा के मुताबिक बीते 16 नवंबर को वॉर्सेस्टरशायर रॉयल अस्पताल में मौत से पहले वह बार-बार कह रहा था कि 'काश वैक्सीन लगवाई होती.' एम्मा ने कहा, ग्लिन के अंतिम शब्द थे: 'मैंने कभी इतनी तकलीफ महसूस नहीं की, काश मैंने टीका लगवाया होता.' एम्मा कहती हैं कि उन्होंने खुद कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लीं लेकिन ग्लिन को कई बार समझाने के बाद भी उसने वैक्सीन नहीं लगवाई. एम्मा अब हर जानने वाले को कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित कर रही हैं. उनका मानना है कि अगर वैक्सीन लगवाई होती तो शायद ग्लिन आज जिंदा होता.
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