PM Modi Europe Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिवसीय यूरोप दौरे पर हैं. मंगलवार को वह डेनमार्क में हैं, जहां भव्य स्वागत के बाद दोनों देशों के बीच डेलीगेशन लेवल की बातचीत हुई.
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PM Modi Europe Visit: यूरोप दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने डेनमार्क के कोपेनहेगन पहुंचकर डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन (Danish PM Mette Frederiksen) से मुलाकात की. इस दौरे पर दोनों देशों के बीच डेलीगेशन लेवल की बातचीत की है. जहां पर दोनों देशों की ओर से होने वाले सकारात्मक प्रयासों पर लंबी बातचीत हुई. जहां सोमवार को पीएम मोदी ने जर्मनी में रूस-यूक्रेन युद्ध पर बात की वहीं आज भी उन्होंने इस मुद्दे पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा, 'हमने यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए संवाद और रणनीति का रास्ता अपनाने की अपील की.'
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत जल्द ही समाप्त हो जाएगी.' इसके आगे उन्होंने दोनों देशों के बीच के संबंधों पर बात करते हुए कहा, 'भारत में विभिन्न क्षेत्रों में 200 से अधिक डेनिश कंपनियां काम कर रही हैं. इन कंपनियों को भारत में व्यापार करने में आसानी और आर्थिक सुधारों से फायदा हो रहा है.'
इसके आगेग पीएम मोदी ने कहा, 'आपके खूबसूरत देश में मेरी ये पहली यात्रा है और अक्टूबर में मुझे आपका स्वागत करने का मौका मिला था. इन दोनों यात्राओं से हमारे संबंधों में निकटता आई है. हमारे दोनों देश लोकतंत्र और कानून के शासन जैसे मूल्यों को तो साझा करते ही हैं, साथ में हम दोनों की कई पूरक ताकत भी हैं.'
वह बोले, '200 से अधिक डेनिश कंपनियां भारत में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं जैसे पवन ऊर्जा, शिपिंग, कंसल्टेंसी, इंजीनियरिंग आदि. इन्हें भारत में बढ़ते ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और हमारे व्यापक आर्थिक सुधारों का लाभ मिल रहा है. अक्टूबर 2020 में भारत-डेनमार्क वर्चुअल समिट के दौरान हमने अपने संबंधों को हरित रणनीतिक साझेदारी करार दिया था. आज की चर्चा के दौरान, हमने अपनी हरित रणनीतिक साझेदारी की संयुक्त कार्य योजना की भी समीक्षा की.'
इस बातचीत में डेनिश पीएम मेटे फ्रेडरिक्सन ने कहा, 'डेनमार्क और भारत हमारी हरित सामरिक साझेदारी को कुछ ठोस परिणामों में बदलने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. भारत सरकार की हरित संक्रमण के लिए उच्च महत्वाकांक्षाएं हैं. मुझे गर्व है कि डेनिश समाधान इन महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षाओं को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.'
भारत और डेनमार्क के डेलीगेशन ने हरित सामरिक साझेदारी में प्रगति की समीक्षा की. विदेश मंत्रालय का कहना है कि उन्होंने कौशल विकास, जलवायु, नवीकरणीय ऊर्जा, आर्कटिक, P2P संबंधों आदि के क्षेत्रों में हमारे व्यापक सहयोग पर भी चर्चा की. मेटे फ्रेडरिक्सन ने कहा, 'डेनमार्क और पूरे यूरोपीय संघ ने यूक्रेन पर रूस के गैरकानूनी और अकारण आक्रमण की कड़ी निंदा की. मेरा संदेश बहुत स्पष्ट है - पुतिन को इस युद्ध को रोकना है और हत्याओं को समाप्त करना है. मुझे उम्मीद है कि भारत इस चर्चा में रूस को भी प्रभावित करेगा.'
मेटे फ्रेडरिक्सन ने आगे कहा, 'हमने यूक्रेन में नागरिकों के खिलाफ किए गए भयानक अपराधों और गंभीर मानवीय संकट के परिणामों पर चर्चा की. बुचा में नागरिकों की हत्या की खबरें बेहद चौंकाने वाली हैं. हमने इन हत्याओं की निंदा की है और हम एक स्वतंत्र जांच की आवश्यकता पर बल देते हैं.'
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मेटे ने दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों को लेकर बात भी की है. उन्होंने कहा, 'हम कई मूल्य साझा करते हैं. हम दो लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं, हम दोनों एक नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में विश्वास करते हैं. ऐसे समय में हमें अपने बीच और भी मजबूत पुल बनाने की जरूरत है. करीबी साझेदार के रूप में, हमने यूक्रेन में युद्ध पर भी चर्चा की. मैं भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन 2022 में हम दोनों के बीच कल भी अपने नॉर्डिक सहयोगियों के साथ चर्चा जारी रखने के लिए उत्सुक हूं.'
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