धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में पाकिस्तान ‘विशेष चिंता का देश’: US सांसद
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धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में पाकिस्तान ‘विशेष चिंता का देश’: US सांसद

पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता की तेजी से बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताते हुए अमेरिका के प्रभावशाली सांसदों ने बुधाकर को आह्वान किया है कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में पाकिस्तान को ‘‘विशेष चिंता का देश’’ (सीपीसी) घोषित कर दिया जाना चाहिए।

वॉशिंगटन : पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता की तेजी से बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताते हुए अमेरिका के प्रभावशाली सांसदों ने बुधाकर को आह्वान किया है कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में पाकिस्तान को ‘‘विशेष चिंता का देश’’ (सीपीसी) घोषित कर दिया जाना चाहिए।

सदन की विदेश मामलों की शक्तिशाली समिति की वैश्विक मानवाधिकार उपसमिति के अध्यक्ष एवं सांसद एच स्मिथ ने अमेरिकी संसद की सुनवाई के दौरान कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में पाकिस्तान में गंभीर समस्या है। "धार्मिक स्वतंत्रता का वैश्विक संकट’’ मुद्दे पर कांग्रेस की सुनवाई के दौरान स्मिथ का साथ देते हुए कांग्रेस सदस्य डाना रोहराबाचर ने भी पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जाहिर की।

स्मिथ ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में धर्म के नाम पर अत्याचारों को उचित ठहराने के लिए ईशनिंदा कानूनों का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा और विशेषकर ईशनिंदा कानून का मुद्दा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के समक्ष उस समय उठाया था, जब वह पिछले सप्ताह सांसदों से मिलने के लिए कैपिटल हिल आए थे।

उन्होंने कहा, ‘विदेश नीति में कोई अन्य बदलाव किए बिना ‘सीपीसी’ दर्जा दिया जाना जरूरी है।’ स्मिथ और रोहराबाचर ने अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की उस मांग का समर्थन किया कि पाकिस्तान और वियतनाम जैसे देशों को सीपीसी का दर्जा दे दिया जाना चाहिए।

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