पूरी दुनिया कोरोना वायरस से कराह रही है. कोरोना वायरस को दुनिया में आए एक साल हो चुके हैं, फिर भी अबतक इसका कोई कारगर इलाज नहीं ढूंढा जा सका है. लेकिन इसी बीच दुनिया पर एक और वायरस का खतरा मंडराने लगा है.
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वॉशिंगटन: पूरी दुनिया कोरोना वायरस से कराह रही है. कोरोना वायरस को दुनिया में आए एक साल हो चुके हैं, फिर भी अबतक इसका कोई कारगर इलाज नहीं ढूंढा जा सका है. लेकिन इसी बीच दुनिया पर एक और वायरस का खतरा मंडराने लगा है. इस वायरस का नाम चैपर बताया जा रहा है, जो चा-पा-रे यानी द चैपर नाम के बोलीवियाई शहर में फैलने लगा है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रेवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) यानि सीडीसी ने इसकी पुष्टि भी कर दी है.
इबोला जैसे हैं लक्षण
ये वायरस इबोला वायरस (Ebola Virus) की तरह ही है, लेकिन थोड़ा सा अलग. इसके लक्षण भी लगभग वही हैं. ये इंसानों से इंसानों में फैलता है, जिसकी वजह से ये कहीं ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये वायरस भी बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. और कहीं इसका संक्रमण बड़े स्तर पर फैला, तो इसे भी कोरोना वायरस की तरह रोकना नामुमकिन हो जाएगा.
आइए, अब बताते हैं चैपर वायरस के बारे में वो सबकुछ, जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी है.
1- चैपर वायरस साल 2004 में बोलीविया के चैपर (Bolivian province of Chapare) में मिला था. हालांकि ये कुछ समय में गायब हो गया था. लेकिन पिछले साल फिर से ये सामने आया और पांच लोगों में इसके संक्रमण मिले.
2- चैपर वायरस के संक्रमण की स्थिति में वायरस जनित अन्य रोगों की तरह के ही कुछ लक्षण जैसे बुखार, शरीर में दर्द, उल्टी, खून मिश्रित बलगम, स्किन पर रसेस जैसी दिक्कतें होती हैं. इस साल अभी तक इसका एक भी नया मामला सामने नहीं आया है. ये वायरस जानलेवा है.
3- साल 2019 में ये वायरस जब दोबोरा लौटा तो 3 स्वास्थ्य कर्मियों समेत पांच लोग इससे संक्रमित हुए, जिसमें से दो की मौत हो गई.
4- पिछले साल इस वायरस को डेंगू, पीले बुखार और अन्य बीमारियों के वायरस से मिलाया गया. लेकिन इसकी पहचान ही नहीं हो पा रही थी.
5- इस वायरस की पहचान अब जाकर पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने की है, जो सीडीसी से जुड़ा है. इस वायरस की पहचान के लिए सीडीसी ने आरटी-पीसीआर टेस्ट विकसित किया है.
6- ये वायरस मानव से मानव में फैलता है. ये मानव शरीर में 24 सप्ताह तक रह सकता है.
7- चैपर वायरस से प्रभावित व्यक्ति के घर के पास एक चूहा भी इस वायरस से ग्रसित मिला था. हालांकि ये साबित नहीं हो पाया कि इस बीमारी का वाहक वो चूहा था.