नेपाल का 'डिजिटल' होना समृद्धि लाने के लिए बेहद जरूरी: PM ओली
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नेपाल का 'डिजिटल' होना समृद्धि लाने के लिए बेहद जरूरी: PM ओली

प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने कहा कि वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की खातिर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का अधिकतम इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है.

ओली ने यहां संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘डिजिटल नेपाल कांफ्रेंस’ में यह कहा.(फाइल फोटो)

काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने कहा कि ऐसे समय में जब देश लंबे राजनीतिक उथलपुथल के बाद आर्थिक बदलाव के दौर में प्रवेश कर चुका है, उसके लिए वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की खातिर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का अधिकतम इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है. ओली ने यहां संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘डिजिटल नेपाल कांफ्रेंस’ में यह कहा. उन्होंने साथ ही आगाह किया कि देश मौजूदा गतिशील विश्व के साथ कदमताल मिलाकर नहीं चला तो कोई भी उसके लिए इंतजार नहीं करेगा. 

नेपाल PM का मंत्रियों को फरमान- 6 महीनों के अंदर Laptop सीखो, वरना हो जाओगे बर्खास्त
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपनी सरकार के मंत्रियों को बुधवार (30 मई) को चेतावनी दी कि अगर वे छह महीने के भीतर लैपटॉप चलाना नहीं सीख पाए तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा. ओली फरवरी में दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने थे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को छह महीने के भीतर कागज मुक्त बनाया जाएगा. ‘काठमांडो पोस्ट’ के अनुसार नेपाल राष्ट्रीय शिक्षक संगठन के 12 वें महा सम्मेलन में उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद में शामिल कोई भी शख्स जिसे लैपटॉप चलाना नहीं आता है , उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा.

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ओली ने कहा, ‘‘मैंने पहले ही मंत्रिपरिषद की बैठक में कहा है कि हम छह महीने के भीतर कार्यालय को कागज मुक्त बना देंगे और बैठक के कार्यक्रम और एजेंडा पर चर्चा लैपटॉप का इस्तेमाल करके की जाएगी.’’ उन्होंने कहा कि मंत्री लैपटॉप चलाने में छह महीने के लिये अपने सहायकों की मदद ले सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘छह महीने के बाद खुद से लैपटॉप नहीं चला पाने वाले मंत्री की हम छुट्टी कर देंगे.’’ ओली ने कहा कि बर्खास्त मंत्रियों को लैपटॉप दिया जाएगा ताकि वे अपने अगले कार्यकाल तक उसे चलाना सीख सकें. ओली ने कहा कि सरकार का लक्ष्य एक निश्चित अवधि के भीतर नेपाल को सूचना प्रौद्योगिकी के अनुकूल देश बनाना है. 

नेपाल को नहीं भाया भारत का 'तेज स्‍पीड' इंटरनेट, अब चला रहा चीन का 'स्‍लो स्‍पीड' इंटनेट
नेपाल के निवासियों ने शनिवार से हिमालय पर्वत पर बिछी चीन की ऑप्टिकल फाइबर लिंक के जरिए इंटरनेट का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. इसी के साथ साइबर दुनिया से जुड़ने के लिए उनकी भारत पर निर्भरता समाप्त हो गई.

भारत से मिलने वाली स्पीड से कम है चीन के इंटरनेट की स्‍पीड
अधिकारियों के मुताबिक, रसुवागढ़ी सीमा के माध्यम से चीनी फाइबर लिंक द्वारा मिलने वाली इंटरनेट की प्रारंभिक स्पीड 1.5 गीगाबीट प्रति सेकेंड (जीबीपीएस) होगी, जोकि भारत से मिलने वाली स्पीड से कम है. बीरतनगर, भैरहवा और बीरगंज के माध्यम से भारत 34 जीबीपीएस की स्पीड मुहैया कर रहा था. उन्होंने कहा कि हिमालय पर्वतों में चीन के ऑप्टिकल फाइबर लिंक का वाणिज्यिक परिचालन शुरू हो गया है. पाल के सूचना एवं संचार मंत्री मोहन बहादुर बासनेत ने नेपाल-चीन सीमा पार ऑप्टिकल फाइबर लिंक का यहां एक कार्यक्रम में उद्घाटन किया.

नेपाल टेलीकॉम ने चाइना टेलीकम्युनिकेशन ने किया करार
साल 2016 में सरकारी कंपनी नेपाल टेलीकॉम (एनटी) ने चीन की सरकार कंपनी चाइना टेलीकम्युनिकेशन ने चीन के माध्यम से नेपाल में इंटरनेट के परिचालन के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे. बासनेत ने कहा कि नेपाल और चीन के बीच स्थापित ऑप्टिकल फाइबर लिंक देश भर में इंटरनेट बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी. यह नेपाल और चीन के बीच आधिकारिक स्तर के साथ-साथ नागरिक स्तर पर भी द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देगा.

इनपुट भाषा से भी 

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