अस्पताल में भीषण आग, खुद झुलसने के बाद भी मरीजों की जान बचाकर डॉक्टर यूं बना हीरो
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अस्पताल में भीषण आग, खुद झुलसने के बाद भी मरीजों की जान बचाकर डॉक्टर यूं बना हीरो

अस्पताल में आग (Fire in Hospital) लगने के बाद सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती 10 मरीजों की मौत हो गई और 6 गंभीर रूप से घायल हो गए.

रोमानिया के पियात्रा नेमट शहर में हॉस्पिटल में आग लग गई.

नई दिल्ली: रोमानिया (Romania) के पियात्रा नेमट शहर (Piatra Neamt city) के एक सार्वजनिक हॉस्पिटल में आग लग गई, जिसके बाद सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती कम से कम 10 मरीजों की मौत हो गई और 6 गंभीर रूप से घायल हो गए. इस बीच स्थानीय मीडिया में एक डॉक्टर को हीरो के रूप में पेश किया जा रहा है, जिसने अपनी जान पर खेलकर कोरोना मरीजों की जान बचाने की कोशिश की.

  1. रोमानिया के एक हॉस्पिटल में आग लग गई
  2. 10 मरीजों की मौत हो गई और 6 घायल हैं
  3. मरीजों की जान बचाने वाले डॉक्टर का इलाज चल रहा है
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डॉक्टर ने 40 फीसदी जलने के बावजूद बचाई जान
डॉक्टर की पहचान कैटालिन डेंकिउ (Catalin Denciu) के रूप में हुई है और उसने अपने शरीर का 40 प्रतिशत हिस्सा जलने के बावजूद मरीजों की जान बचाने की कोशिश की. फिलहाल डॉक्टर का इलाज चल रहा है और उसे बेल्जियम के क्वीन एस्ट्रिड सैन्य अस्पताल में शिफ्ट किया गया है.

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प्रधानमंत्री ने जताया डॉक्टर के लिए सम्मान
रोमानिया के प्रधानमंत्री लुडोविक ओरबान (Ludovic Orban) ने स्थानीय मीडिया को बताया, 'मैं उस बहादुर डॉक्टर के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मरीजों की जान बचाने के लिए साहस और बलिदान की भावना दिखाई है.

कैसे लगी थी अस्पताल में आग
अभियोजक जनरल ने घटना की जांच शुरू कर दी है, जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है. वहीं स्थानीय मीडिया ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इमारत की दूसरी मंजिल पर, जहां आग लगी थी, आग से बचाव के सेफ्टी प्लान को पिछले 30 सालों से अपडेट नहीं किया गया था.

2015 की घटना आई याद
अस्पताल की इस घटना ने रोमानिया की पिछली सबसे घातक आग को याद दिला दिया, जिसमें साल 2015 में राजधानी बुखारेस्ट के एक कोलेटिव नाइट क्लब में 64 लोगों की मौत हो गई थी.

अस्पताल में पिछले 1 साल में बदले 8 निदेशक
स्थानीय मीडिया ने अस्पताल के प्रबंधन में गंभीर समस्याओं का भी खुलासा किया है. जिसमें बताया गया है कि पिछले एक साल में अस्पताल में आठ निदेशक बदल चुके हैं, जिनमें से एक ने इस साल मई में सिर्फ तीन दिनों के लिए सेवा दी थी.

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