प्रिस्टीना: आपने जेल में छिपाकर मोबाइल ले जाने वाले कैदियों के कई किस्से सुने होंगे, लेकिन आज हम आपको उस कैदी के बारे में बताएंगे जो मोबाइल जेल के अंदर तो ले गया, पर बाद में वही उसकी परेशानी का कारण भी बना. पूरा मामला कोसोवो का है, जहां जेल में बंद एक कैदी कुछ दिनों से लगातार पेट दर्द की शिकायत कर रहा था.


रिपोर्ट देख फटी रह गईं आंखें


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जेल प्रशासन को पहले लगा कि वो नाटक कर रहा है. लेकिन जब उन्हें उसकी हालत का एहसास हुआ तो उसे प्रिस्टिना विश्वविद्यालय अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी क्लीनिक में उसे भर्ती कराया. यहां डॉक्टर ने थोड़ा चेक करने के बाद कैदी का एक्स-रे कराया, जिसे देखकर उसकी आंखें फटी रह गईं. रिपोर्ट में कुछ मोबाइल जैसी चीज नजर आई. जब कैदी से इसके बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि उसने कुछ दिन पहले एक मोबाइल फोन निगल लिया था, जिसके बाद उसे पेट में दर्द होने लगा था.


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ऑपरेशन कर 3 टुकड़ों में निकाला फोन


इसके बाद डॉक्टर्स ने 33 साल के इस कैदी का ऑपरेशन करके मोबाइल फोन बाहर निकालने का फैसला किया. कैदी का ऑपरेशन करने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे डॉक्टर स्केंडर तेलकु ने बताया, 'एंडोस्कोपिक के जरिए बिना पेट काटे हमने तीन हिस्सों में बंट चुके फोन को बाहर निकाल लिया. इसमें करीब 2 घंटे का समय लगा, जिसके कुछ समय बाद कैदी को पेट दर्द की समस्या से राहत मिल सकी. इसके बाद कैदी ने फोन की तरफ देखते हुए डॉक्टर को बताया कि वो फोन उसके पेट में 4 दिन से था. ये बात सुनकर डॉक्टर हैरान हो गए. 


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डॉक्टर को था बैटरी लीक होने का डर


डॉक्टर तेलकू ने बताया, 'हम पेट में फोन के बैटरी को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित थे क्योंकि बैटरी एसिड उसके पेट में लीक हो सकता था.' हालांकि सब कुछ सुचारु रूप से चला और हम मोबाइल के सभी हिस्से को बाहर निकालने में सफल रहे.'  पुलिस इलाज के बाद कैदी और मोबाइल फोन दोनों को अपने साथ ले गई. मोबाइल फोन 2000 के दशक की शुरुआत का एक मॉडल था.


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