बुधवार को आसियान के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए बैंकॉक पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने गुरुवार को कहा कि उत्तर कोरिया के साथ वार्ता जारी रखने के लिए अमेरिका तैयार है.
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नई दिल्ली : उत्तर कोरिया की ओर से 31 जुलाई को 2 बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया गया है. दक्षिण कोरियाई सेना का कहना है कि उत्तर कोरिया ने अपने पूर्वी तट से दो छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं. उत्तर कोरिया की ओर से किए गए मिसाइल परीक्षण पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि इससे उन्हें कोई टेंशन नहीं है. हम देखेंगे कि आगे क्या होता है क्योंकि यह शॉर्ट रेंज मिसाइल थीं.
वहीं बुधवार को दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए बैंकॉक पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने गुरुवार को कहा कि उत्तर कोरिया के साथ वार्ता जारी रखने के लिए अमेरिका तैयार है. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब उत्तर कोरिया द्वारा एक सप्ताह से भी कम समय में दूसरा हथियार परीक्षण किया गया है.
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समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, पोम्पियो ने बैंकॉक में थाईलैंड के विदेश मंत्री डॉन प्रमुदविनई के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, "हम उत्तर कोरियाई लोगों के साथ अपनी कूटनीतिक वार्ता जारी रखने के लिए तैयार हैं." विदेश मंत्री ने कहा कि वह आशावादी हैं कि अमेरिका और उत्तर कोरिया जल्द ही वार्ता फिर से शुरू करेंगे.
उत्तर कोरियाई सेना का कहना है कि यह उत्तर कोरिया की ओर से एक हफ्ते से भी कम समय में दूसरा मौका है जब मिसाइल परीक्षण किया गया है. ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ (जेसीएस) के अनुसार, उत्तर कोरिया के पूर्वी बंदरगाह वॉनसन के कलमा इलाके से पहली मिसाइल 31 जुलाई को सुबह 5:06 बजे और दूसरी मिसाइल सुबह 5:27 बजे लॉन्च की गई.
योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार जेसीएस का कहना है कि इन मिसाइलों ने करीब 30 किमी की ऊंचाई पर 250 किमी की दूरी तय की. जेसीएस ने कहा कि दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी सेना इस संबंध में अधिक जानकारी एकत्रित कर रही हैं. उत्तर कोरिया द्वारा मई के बाद पिछले छह दिनों के अंदर एक ही क्षेत्र से छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागने का यह दूसरा मामला सामने आया है. मिसाइलों ने लगभग 50 किमी की ऊंचाई पर करीब 600 किमी की दूरी की उड़ान भरी और उन्हें 'केएन -23' या रूस के इस्कैंडर बैलिस्टिक मिसाइल के उत्तर कोरियाई संस्करण के रूप में पहचाना गया.
(इनपुट एजेंसी से भी)