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नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति पद को अलविदा कहने से पहले डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) चीन (China) को बख्शने के मूड में नहीं हैं. उन्होंने चीन को एक और तगड़ा झटका देते हुए बड़ी प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की है. अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय ने 59 चीनी साइंटिफिक और इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है, इसमें सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इंटरनेशनल कॉरपोरेशन (SMIC) भी शामिल है. अमेरिका ने इन कंपनियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है, साथ ही विदेश नीति के विपरीत करार दिया है. इससे पहले भी, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन चीन के खिलाफ कई बड़े और सख्त कदम उठा चुका है.
कंपनियों का है चीनी सेना से लिंक
वाणिज्य विभाग के ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्री एंड सिक्योरिटी (BIS) द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि SMIC सहित 59 कंपनियों के चीनी सेना के साथ संबंध हैं. कॉमर्स सेक्रेटरी विलबर रॉस ने कहा है कि 'चीन ने अपने सैन्य आधुनिकीकरण के लिए अमेरिकी टेक्नोलॉजी का लाभ उठाया है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. हम हर उस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो किसी भी तरह से चीनी सेना से जुड़ी है.'
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि SMIC चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को अमेरिकी तकनीक से मजबूत नहीं करता है, इसके लिए इसे इस सूची में रखना जरूरी था.
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वीगर मुसलमानों से र्दुव्यवहार के लिए भी सजा
इस घोषणा के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीन के दबाव को खत्म करने के लिए भी कुछ कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स भी जहाज बनाने को लेकर रिसर्च करने वाले 25 संस्थानों को इस सूची में डालने जा रहा है. इसके अलावा PLA को रिसर्च, डेवलपमेंट और मैन्यूफेक्चरिंग में मदद करने वाले 6 और ऑर्गेनाइजेशंस पर भी कार्रवाई की जाएगी.
इतना ही नहीं पोम्पिओ ने मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए 4 चीनी कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की बात कही. उन्होंने कहा कि चीन को वीगर मुसलमानों सहित सभी अल्पसंख्यकों का सम्मान करना चाहिए. अमेरिका मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और उनका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि शी जिनपिंग के नेतृत्व वाली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने शिनजियांग में लगभग 1.1 करोड़ वीगर मुसलमानों के अधिकारों पर कई सख्त प्रतिबंध लगाकर उनका बड़े पैमाने पर शोषण किया है. उन्हें वहां कैदियों की तरह शिविरों में रखा जाता है.
CCP वीगरों की पहचान, संस्कृति और स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति के किसी भी रूप को अपनी शक्ति के लिए खतरा मानता है.