बेनतीजा रही शिखर वार्ता, एटमी हथियार पर ट्रंप और किम में नहीं हुआ करार
विश्लेषकों का कहना है कि हनोई में उनकी दूसरी बैठक में ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रम्प किसी भी बड़ी सफलता की उम्मीद नहीं जगाना चाहते
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हनोई : उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच शिखर वार्ता बिना किसी समझौते के समाप्त हो गई. व्हाइट हाउस ने दोनों नेताओं के बीच दो दिन चली बैठक के बाद गुरुवार को यह जानकारी दी. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने एक बयान में कहा, ‘‘इस बार कोई समझौता नहीं हो पाया, लेकिन दोनों दल भविष्य में बैठक के इच्छुक हैं.’’
दोनों नेताओं के बीच सिंगापुर में पहली ऐतिहासिक बैठक हुई थी. विश्लेषकों का कहना है कि हनोई में उनकी दूसरी बैठक में ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रम्प किसी भी बड़ी सफलता की उम्मीद नहीं जगाना चाहते और इसी लिए उन्होंने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे कोई जल्दबाजी नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि किम के साथ हुई इस मुलाकात का रिजल्ट देरी से मिलेगा. ट्रम्प ने किम के साथ मेट्रोपोल होटल में बैठक करने से पहले कहा, ‘‘हम देखेंगे कि क्या होगा. कोई जल्दबाजी नहीं है. हम उचित समझौता करना चाहते हैं.’’
किम जोंग ने कही ये बात
वहीं किम ने ‘‘कुछ बड़ा हासिल करने, अंतत: अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ’’ कोशिश करने की बात कही. दोनों नेता बैठक करने के बाद स्थानीय समयानुसार अपराह्न दो बजे एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे. ट्रम्प गुरुवार शाम को वियतनाम के लिए रवाना होने से पहले एक संवाददाता सम्मेलन करेंगे जबकि किम देश की यात्रा पूरी करने के बाद इस सप्ताहांत में रवाना होंगे.
पहली बार साथ किया डिनर
सिंगापुर में मुलाकात के दौरान डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग ने चाय पर चर्चा की थी. लेकिन दूसरी मुलाकात के दौरान ट्रंप और किम ने साथ में डिनर किया. इस डिनर में किम और ट्रंप के अलावा कुछ खास अधिकारी मौजूद थे.
हाथ मिलाकर किया एक-दूसरे का स्वागत
अमेरिका और उत्तर कोरिया के झंडे के सामने मुस्कुराते हुए दोनों नेताओं ने एक दूसरे हाथ मिलाए. आलोचकों का कहना है कि सिंगापुर की वार्ता के ठोस नतीजे नहीं आ सके, लेकिन ट्रंप का कहना है कि हनोई की बातचीत पहले से बेहतर होगी. किम ने कहा, ‘‘ मैं निश्चिंत हूं कि इस बार बेहतर नतीजे निकलेंगे जो ‘हर किसी को स्वीकार्य होगा.’’
चीन को भी थी वार्ता से यह उम्मीद
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बुधवार को कहा था कि ट्रंप एवं किम के बीच होने वाली वार्ता परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए और कोरियाई प्रायद्वीप में शांति बनाए रखने के लिहाज से “अहम कदम” साबित हो सकती है. चीन उत्तर कोरिया का एकमात्र सहयोगी है और किम ने हनोई जाने के रास्ते करीब दो दिन तक ट्रेन से चीन का सफर किया.
(इनपुटः भाषा)