जोहांसबर्ग: दक्षिण अफ्रीकी एजेंसियों ने निर्णायक ठोस सबूतों के अभाव में भारतीय मूल के व्यवसायी अजय गुप्ता के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को निरस्त कर दिया. गुप्ता को दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा का करीबी सहयोगी माना जाता है जिन्हें घोटाले में लिप्त होने के चलते अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा था.
एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय अभियोजक प्राधिकरण (एनपीसी) ने बृहस्पतिवार को गुप्ता के खिलाफ पिछले साल फरवरी में जारी गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने का निर्णय किया .गुप्ता पिछले साल देश छोड़कर दुबई भाग गया था तब से उसे न्यायिक दृष्टि से ‘भगोड़ा’ माना जाता है.
गुप्ता और उनके छोटे भाई अतुल एवं राजेश पर राष्ट्रपति जुमा के साथ अपने संबंधों का फायदा उठाते हुए कथित अनियमित ठेके लेकर अरबों रैंड (अफ्रीकी मुद्रा) का भ्रष्टाचार करने का आरोप है. अजय पर जुमा सरकार में वित्त मंत्री का पद संभालने के लिए उप वित्त मंत्री मैकेबिसी जोनस को 60 करोड़ रैंड की रिश्वत देने का आरोप है. इसके बदले जोनस को सरकारी ठेकों में गुप्ता के आईटी, खनन और मीडिया कारोबार को तवज्जो देनी थी.
लेकिन अब रपटें हैं कि जोनस स्वयं इस बात को लेकर अनिश्चित हैं उन्हें यह कथित रिश्वत का प्रस्ताव अजय ने किया या राजेश ने. एनपीए ने अजय पर से यह आरोप हटा लिए हैं और उन्हें दक्षिण अफ्रीका वापस आने की खुली छूट दे दी है. हालांकि, अजय या उनके कानूनी प्रतिनिधियों की ओर से अब तक इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की गई है.
(इनपुट भाषा से)