New Zealand Earthquake: 8 घंटे में तीसरी बार भूकंप के झटके से हिला न्यूजीलैंड, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 8.1
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New Zealand Earthquake: 8 घंटे में तीसरी बार भूकंप के झटके से हिला न्यूजीलैंड, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 8.1

न्यूजीलैंड (New Zealand) में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.1 मापी गई है. भूकंप (Earthquake) के झटके के बाद न्यूजीलैंड में सुनामी (Tsunami) की चेतावनी जारी कर दी गई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

वेलिंगटन: न्यूजीलैंड (New Zealand) में केरमाडेक द्वीप के पास भूकंप के कई जोरदार झटके महसूस किए गए हैं. सबसे तेज भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.1 मापी गई है. भूकंप (Earthquake) के झटके के बाद न्यूजीलैंड में सुनामी (Tsunami) की चेतावनी जारी कर दी गई. पहला भूकंप रात करीब 2.27 पर नॉर्थ आइलैंड इलाके में आया था, जिसकी तीव्रता रिक्‍टर पैमाने पर 7.2 थी. इसके 4 घंटे बाद केरमाडेक द्वीप के पास 7.4 की तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.

खतरा टल जाने के बाद लोगों को घर लौटने की सलाह

दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए जाने के बाद महासागर में सुनामी के खतरे के बीच न्यूजीलैंड (New Zealand) में तटीय इलाकों से शुक्रवार को हजारों लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. हालांकि राष्ट्रीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी (NEMA) ने बाद में खतरा टल जाने की बात कहते हुए लोगों को घर लौटने की सलाह दी.

8.1 तीव्रता का सबसे शक्तिशाली भूकंप

न्यूजीलैंड से एक हजार किलोमीटर दूर केरमाडेक द्वीप समूह पर लगातार कई भूकंप के झटके महसूस किए गए. इस दौरान 8.1 तीव्रता का सबसे शक्तिशाली भूकंप आया था. इसके अलावा 7.4 और 7.3 तीव्रता के भूकंप के झटके भी महसूस किए गए. सुनामी के खतरे के मद्देनजर न्यूजीलैंड में कई जगह सड़कों पर जाम लग गया और अफरातफरी की स्थिति भी उत्पन्न हो गई, क्योंकि अधिकतर लोग ऊंचाई वाले स्थानों की ओर जाने की कोशिश कर रहे थे.

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48 साल बाद आया इतना तेज भूकंप

राष्ट्रीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि खतरा टल गया है और लोग अपने-अपने घरों में वापस लौट सकते हैं, लेकिन समुद्र तट पर जाने से बचें.  'अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण' ने कहा कि सबसे शक्तिशाली भूकंप का केन्द्र केरमाडेक द्वीप समूह के पास 19 किलोमीटर की गहराई पर था. एजेंसी ने एक रिपार्ट में कहा कि इससे पहले 1973 में क्षेत्र में 8.0 तीव्रता का सबसे शक्तिशाली भूकंप आया था.

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. फिर इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.

कब कितनी तबाही लाता है भूकंप?

रिक्टर स्केल असर
0 से 1.9 सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
2 से 2.9 हल्का कंपन.
3 से 3.9 कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर.
4 से 4.9 खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं.
5 से 5.9 फर्नीचर हिल सकता है.
6 से 6.9 इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
6 से 6.9 इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं.
8 से 8.9 इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं. सुनामी का खतरा होता है.
9 और उससे ज्यादा पूरी तबाही. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी.

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