रिपोर्ट: स्मार्ट सिटी योजना पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा
Advertisement

रिपोर्ट: स्मार्ट सिटी योजना पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा

इंग्लैंड के लिंकन विश्वविद्यालय में नगर योजना के विशेषज्ञ प्रोफेसर हफ बायर्ड के नेतृत्व में किए गए इस शोध में कहा गया है कि स्मार्ट सिटी परियोजना के चलते जनसंख्या वृद्धि की तुलना में पर्यावरण को कहीं तेजी से नुकसान होगा.

परियोजना के चलते जनसंख्या वृद्धि की तुलना में पर्यावरण को कहीं तेजी से नुकसान होगा. (FILE PHOTO)

लंदन: हाल ही में सामने आई एक रिसर्च रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार द्वारा 100 महानगर विकसित करने के लिए शुरू की गई 'स्मार्ट सिटी' योजना पर्यावरण के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकती है. इंग्लैंड के लिंकन विश्वविद्यालय में नगर योजना के विशेषज्ञ प्रोफेसर हफ बायर्ड के नेतृत्व में किए गए इस शोध में कहा गया है कि स्मार्ट सिटी परियोजना के चलते जनसंख्या वृद्धि की तुलना में पर्यावरण को कहीं तेजी से नुकसान होगा.

इसमें कहा गया है कि अगर पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करना है तो स्मार्ट सिटी विकसित करने के दौरान पर्यावरण के सहायक अवसंरचनाओं एवं सुविधाओं पर जोर देना होगा. इस अध्ययन में मुंबई में 16.5 एकड़ क्षेत्रफल में योजनाबद्ध तरीके से विकसित किए गए भिंडी बाजार के चलते पर्यावरण पर पड़े प्रभाव का विश्लेषण किया. गौरतलब है कि भिंडी बाजार को भी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है.

प्रस्ताव के मुताबिक, भिंडी बाजार में मौजूद तीन से पांच मंजिला इमारतों की जगह 40-60 मंजिला इमारतों का निर्माण किया जाएगा, जिसे भारत सरकार 'संवहनीय, पर्यावरण के अनुकूल और स्मार्ट' कहती है. हालांकि अध्ययन में कहा गया है कि इलाके के जनसंख्या घनत्व में वृद्धि के चलते बिजली और पानी सहित संसाधनों की मांग बहुत अधिक बढ़ जाएगी.

शोधकर्ता का कहना है कि, 'शहरों को स्मार्ट, विश्वस्तरीय, रहने लायक, हरित या पर्यावरण के अनुकूल बनाने के दौरान जनसंख्या घनत्व में भी तेजी से वृद्धि होगी और शहरी संरचना भी संघनित होगी'. शोध विशेषज्ञ ने कहा कि विकास के इस लक्ष्य को हासिल कर विकसित शहर के लिए मांग के अनुरूप संसाधन पूरे नहीं पड़ेंगे.  इसके साथ ही पूर्ण रूप से विकसित स्मार्ट शहरों से निकलने वाले कचरे की मात्रा बहुत बढ़ चुकी होगी, जिसमें ग्रीन हाउस गैसें भी शामिल होंगी. 

शोध-पत्रिका 'जर्नल ऑफ कंटेम्परेरी अर्बन अफेयर्स' के ताजा अंक में प्रकाशित अध्ययन में बायर्ड ने कहा है, इस तरह विकसित शहर का उदर आनुपातिक रूप में नहीं बढ़ेगा, बल्कि इसमें बेहद तेज वृद्धि होगी. इसलिए पर्यावरण पर पड़ने वाला दुष्प्रभाव भी आबादी बढ़ने की तुलना में कहीं तेजी से बढ़ेगा.

Trending news