SCO में एंट्री को लेकर चीनी मीडिया ने भारत और पाकिस्तान की वकालत की
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SCO में एंट्री को लेकर चीनी मीडिया ने भारत और पाकिस्तान की वकालत की

चीन के नेतृत्व वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भारत और पाकिस्तान के प्रवेश से इन दोनों देशों के बीच आतंकवाद-विरोधी सहयोग को बढ़ाने में मदद मिल सकती है और यह संगठन इनके आपसी मतभेदों को सुलझाने के लिए एक मंच उपलब्ध करवा सकता है. यह बात आज चीन के सरकारी मीडिया ने कही है.

चीन के नेतृत्व वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भारत और पाकिस्तान के प्रवेश से इन दोनों देशों के बीच आतंकवाद-विरोधी सहयोग को बढ़ाने में मदद मिल सकती है . (फाइल फोटो)

बीजिंग: चीन के नेतृत्व वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भारत और पाकिस्तान के प्रवेश से इन दोनों देशों के बीच आतंकवाद-विरोधी सहयोग को बढ़ाने में मदद मिल सकती है और यह संगठन इनके आपसी मतभेदों को सुलझाने के लिए एक मंच उपलब्ध करवा सकता है. यह बात आज चीन के सरकारी मीडिया ने कही है.

जून में आयोजित होगी एससीओ की अगली बैठक

इस साल जून में कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में आयोजित होने वाली एससीओ की अगली बैठक के दौरान इस छह सदस्यीय संगठन में भारत और पाकिस्तान के शामिल होने की संभावना है.

सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, ‘आतंकवाद और कश्मीर के मुद्दे पर लंबे समय से प्रतिद्वंद्वी रहे भारत और पाकिस्तान को एससीओ का सदस्य बनने के लिए कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने होंगे और एससीओ नियमों के अनुरूप काम करने का संकल्प लेना होगा. इन नियमों में वर्ष 2015 में हस्ताक्षरित सीमा रक्षा सहयोग से जुड़ा एससीओ सदस्य देशों का समझौता भी शामिल है.’ 

चीनी मीडिया भारत और पाकिस्तान की एंट्री चाहता है

लेख में कहा गया है, ‘एससीओ में दो देशों के प्रवेश से बुनियादी ढांचों और आतंकवाद-विरोधी प्रयासों आदि में भारत और पाकिस्तान के बीच सहयोग को बढ़ावा मिल सकता है.’इसमें कहा गया है कि एससीओ की रूपरेखा के मुताबिक, दोनों देशों के बीच भड़के किसी संघर्ष को रोकने के लिए तीसरा पक्ष हस्तक्षेप कर सकता है.

लेख के मुताबिक, ‘हालांकि, भारत एससीओ देशों के साथ लचीले बहुपक्षीय समझौतों की कोशिश कर सकता है लेकिन भारत और पाकिस्तान को सुरक्षा और आतंकवाद-विरोधी सहयोग को मजबूत करने के लिए एससीओ के अन्तर्गत मूल रूपरेखा और सिद्धांत का पालन करना होगा.’ इसमें कहा गया है, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच की दुश्मनी के जल्दी समाप्त होने की संभावना नहीं है लेकिन एससीओ से दोनों देशों को एक नया मंच मिलेगा जिसपर इनके बीच विवाद धीरे-धीरे समाप्त किए जा सकते हैं.’

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