पाकिस्तान में फैल रहे टायफाइड ने दवा प्रतिरोधी क्षमता विकसित कर ली है और तेजी से फैल रहा है. वैज्ञानिकों के अनुसार इसका प्रसार पूरे विश्व में हो सकता है, जो जानलेवा साबित होगा.
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नई दिल्ली : आतंकवाद को पनाह देने वाला पाकिस्तान अब एक और मामले में विश्व के लिए खतरनाक साबित हो रहा है. इस बार वहां ऐसी बीमारी पैर पसार रही है जो दवा प्रतिरोधी (drug resistant) है. दरअसल वहां जानलेवा टायफाइड तेजी से फैल रहा है. यह टायफाइड इतना खतरनाक है कि इस पर किसी भी एंटीबायोटिक्स या अन्य दवा का असर नहीं हो रहा है. न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक इस टायफाइड का सुपरबग इतना ताकतवर है कि इसपर पांच तरह की एंटीबायोटिक्स भी बेअसर हो रही हैं. मतलब इन पांच एंटीबायोटिक्स का इस पर कोई असर नहीं हो रहा.
वैज्ञानिकों ने इस खतरनाक टायफाइड के पूरे विश्व में फैलने की आशंका व्यक्त की है. उनके अनुसार अगर ऐसा होता है तो स्थिति भयावह होगी. इस कारण यह पाकिस्तान के साथ ही विश्व के लिए खतरनाक साबित हो रहा है. इससे पाकिस्तान में चार लोगों की मौत हो चुकी है. साथ ही इसका एक मामला ब्रिटेन में भी सामने आया है.
850 लोग प्रभावित
इस्लामाबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार इस दवा प्रतिरोधी टायफाइड के कारण पाकिस्तान के 14 जिलों में 2016 से अब तक 850 लोग प्रभावित हो चुके हैं. डॉक्टरों के मुताबिक इसके इलाज के लिए मौजूदा समय में विश्व में महज एक ही ओरल एंटीबायोटिक्स एजिथ्रोमाइसिन बची है जो इसमें प्रभावी है. लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि कुछ ही समय में सुपरबग जेनेटिक बदलाव करके इसको भी बेअसर कर देगा. बिना एंटीबायोटिक्स के इलाज के टायफाइड जानलेवा हो जाता है. कुछ समय पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी बेअसर होती एंटीबायोटिक्स के प्रति चिंता व्यक्त की थी. साथ ही इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी बताया था.
2016 में आया पहला मामला
नवंबर 2016 में पाकिस्तान में इस दवा प्रतिरोधी टायफाइड का पहला मामला सामने आया. उस समय टायफाइड के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली एंटीबायोटिक्स सेफ्ट्रियाजोन इलाज में बेअसर साबित होने लगी. इससे पहले दुनिया में ऐसे सिर्फ चार ही मामले देखने को मिले थे. डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के मुताबिक इस जानलेवा बीमारी का प्रसार पाकिस्तान के हैदराबाद में मलिन बस्तियों में हुआ. वहां सीवेज लाइन के आसपास रहने वाले लोग इससे प्रभावित हुए. पाकिस्तान में खराब बुनियादी सुविधाओं, टीकाकरण की कम दर और एक ही स्थान पर बसी अधिक आबादी इसका कारण बताया गया.
जानलेवा है टायफाइड
टायफाइड कितना खतरनाक होता है, यह इससे होने वाली मौतों के आंकड़े बयां करते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल करीब 21 लाख लोग इससे पीडि़त होते हैं. इसके साथ ही हर साल 1.61 लाख मौतें इससे होती हैं. दूषित पानी, गंदगी और साफ-सफाई के अभाव में यह बीमारी होती है. सैल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया इसका जनक है. इससे प्रभावित होने पर कुछ ही दिन में कमजोरी, पेट दर्द, कब्ज, सिर दर्द और तेज बुखार की समस्या हो जाती है. सही और समय पर इलाज न मिलने पर मरीज की मौत तक हो जाती है. ऐसे में गंदगी से दूर रहकर और साफ पानी का इस्तेमाल करके ही इससे बचा जा सकता है.