नई दिल्ली: भारतीय समयानुसार रात 9 बज कर 11 मिनट से पूरे विश्व मे फेसबुक, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम ने सर्वर डाउन (Facebook, WhatsApp and Instagram Server Down) होने की वजह से काम करना बंद कर दिया था. तकनीकी खराबी के चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और कई कंपनियों में कामकाज थम गया. तो वहीं सोशल मीडिया पर #WhatsAppDown और #FacebookDown ट्रेंड करने लगा.


कितने देर बंद रहे फेसबुक, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम?


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फेसबुक और इंस्टाग्राम ने 6 घंटे से ज्यादा समय बंद रहने के बाद भारतीय समयानुसार 3 बज कर 24 मिनट पर दोबारा काम करना शुरू किया. इसी तरह व्हाट्सऐप ने 7 घंटे से ज्यादा ठहरने के बाद भारतीय समयानुसार 4 बज कर 19 मिनट पर काम करना शुरू किया.



आपस में जुड़े हैं फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप के सर्वर


फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप तीनों पर फेसबुक का ही स्वामित्व है, इसी लिए इन तीनों के सर्वर भी आपस मे जुड़े हुए हैं. जिस कारण थोड़ी सी तब्दीली से तीनों प्रभावित होते हैं. हालांकि यह महारुकावट फेसबुक के सर्वर में किस तब्दीली की वजह से आई इसका कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है.


DNS फेल होने की वजह से सर्वर हुआ डाउन


फेसबुक, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम के इस तरह बंद होने की वजह फेसबुक (Facebook) का DNS यानी Domain Name System फेल होना था. DNS के फेल होने की वजह से फेसबुक तक पहुंचने का उसके यूजर्स का इंटरनेट 'रूट' बधिक हो गया था, क्योंकि DNS किसी भी वेबसाइट को आईपी एड्रेस में ट्रांसलेट करके यूजर को उस पेज पर पहुंचाता है, जिसे वो खोलना चाहता है.


क्यों फेल हो गया फेसबुक का DNS?


फेसबुक के DNS के फेल होने पर विशेषज्ञों का मानना है कि प्रथम दृष्टि से लगता है कि फेसबुक के सभी BGP (Border Gateway Protocol) रुक गए थे, जिसकी वजह से DNS फेल हो गया और पूरी दुनिया के फेसबुक, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम के यूजर्स फेसबुक से महरूम रह गए. BGP 'रूट' के सहारे ही  DNS अपना काम करता है. हालांकि BGP के रुकने के कारणों का अभी तक आधिकारिक रूप से कुछ नहीं पता चल पाया है.


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फेसबुक के अधिकारियों की हालत हुई खस्ता


फेसबुक, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम पर आई इस महारुकावट ने उस समय फेसबुक के अधिकारियों की हालत खस्ता कर दी, जब उनके ऑफिस के आधिकारिक मेल सिस्टम और कर्मचारियों के एक्सेस कार्ड तक ने काम करना बंद कर दिया था. महारुकावट की घड़ी में ही फेसबुक के मुख्य तकनीक अधिकारी माइक स्करोपफेर ने लोगों से इस रुकावट के लिए माफी मांगी और लोगों को भरोसा दिया कि उनकी टीम जल्द से जल्द इस परेशानी को ठीक करने की कोशिश कर रही है.



लॉक को तोड़ कर सर्वर रूम में गई टीम


आंतरिक मेल सिस्टम के बंद होने और कर्मचारियों के एक्सेस कार्ड तक ना चलने की दशा में फेसबुक ने अपनी एक टीम कैलिफोर्निया के सैंटा क्लारा डेटा सेंटर पर भेजी, जिससे बंद पड़े सर्वर्स को मैन्युअली रेसेक्ट किया जा सके और चीजें बेहतर हो सकें, लेकिन वहां पर भी एक्सेस कार्ड के ना चलने पर सर्वर ठीक करने गई टीम लॉक को तोड़ कर सर्वर रूम में गई, क्योंकि सर्वर को ठीक करने के लिए उन्हें सर्वर का फिजिकल एक्सेस चाहिए था.


महारुकावट से फेसबुक को करोड़ों का नुकसान


महारुकावट के दौरान फेसबुक ने एक आंतरिक मेमो जारी किया और इस महारुकावट को लोगों के लिए एक उच्च जोखिम, संपत्तियों के लिए मध्यम जोखिम और कंपनी की प्रतिष्ठा के लिए उच्च जोखिम भरा बताया. फेसबुक पर आई महारुकावट की वजह से फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग की संपत्ति एक दिन में 7 बिलियन डॉलर यानी करीब 52190 करोड़ रुपये से ज्यादा गिरी, वहीं फेसबुक को उसके रेवेन्यू में 80 मिलियन डॉलर यानी करीब 596 करोड़ रुपये से ज्यादा का अनुमानित नुकसान हुआ. फेसबुक, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम की इस महारुकावट पर इंटरनेट ग्लोबल ऑब्जर्वेटरी 'नेटब्लॉक्स' के अनुमान के मुताबिक पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को इस एक महारुकावट की वजह से हर घंटे 160 मिलियन डॉलर यानी करीब 1192.9 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान झेलना पड़ा.


फेसबुक ने बयान जारी कर मांगी माफी


6 घंटे से ज्यादा समय तक फेसबुक और इंस्टाग्राम और 7 घंटे से ज्यादा समय तक व्हाट्सऐप के बंद रहने के बाद फिर से चालू होने पर फेसबुक ने बयान जारी कर लोगों से उनको और उनके व्यवसाय को हुए नुकसान पर माफी मांगी. इस पूरे घटनाक्रम के कारणों पर अभी तक फेसबुक ने आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है.





लोगों की सुरक्षा के बजाए प्रॉफिट में लगा फेसबुक?


गौर करने वाली बात यह भी है कि फेसबुक की एक पूर्व कर्मचारी फ्रांसिस हॉगन ने फेसबुक के कई अंदरूनी दस्तावेजों को पिछले हफ्ते अमेरिकी मीडिया के पास लीक करके आरोप लगाया था कि फेसबुक लोगों की सुरक्षा के बजाए अपने निजी फायदे में लगा हुआ है. फ्रांसिस हॉगन के मुताबिक फेसबुक ने अपने प्लेटफॉर्म पर हिंसा को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम (हिंसक पोस्ट और हिंसा करने के लिए कहने वाले अकाउंट्स को ना हटाना) सिर्फ इसलिए नहीं उठाए, क्योंकि फेसबुक को लगता था कि इन कदमों से उसके प्रॉफिट पर असर होगा.


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