इमरान की बढ़ी हुई हैं धड़कनें, अगले 4 दिन में तय हो जाएगा पाकिस्तान का भविष्य
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इमरान की बढ़ी हुई हैं धड़कनें, अगले 4 दिन में तय हो जाएगा पाकिस्तान का भविष्य

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अभी निगरानी वाली 'ग्रे' सूची में रखा है. अगर उसकी रिपोर्ट संतोषजनक नहीं मिलती है तो उसे काली सूची में भी डाला जा सकता है.  

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अभी निगरानी वाली 'ग्रे' सूची में रखा है.फाइल फोटो

नई दिल्ली: दुनिया भर में आतंकवादियों को आर्थिक मदद रोकने के लिए काम करने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की अहम बैठक फ्रांस की राजधानी पेरिस में रविवार से शुरू हो गई. यह बैठक 21 फरवरी तक चलेगी. इस बैठक में पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट जमा करनी है. एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अभी निगरानी वाली 'ग्रे' सूची में रखा है. अगर उसकी रिपोर्ट संतोषजनक नहीं मिलती है तो उसे काली सूची में भी डाला जा सकता है.  

पाकिस्तान बहरहाल एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट में है और अप्रैल तक उसे इस सूची से बाहर नहीं किया गया तो आखिरकार पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट यानी काली सूची वाले देशों के समूह डाल दिया जाएगा, जिसके बाद उसके ऊपर ईरान की तरह गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लागू होगा.

पाकिस्तानी अखबार डॉन की वेबसाइट पर रविवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में एफएटीएफ की वेबसाइट के हवाले से कहा गया है कि छह दिन चलने वाली इस बैठक में अपराध और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पैसे का इस्तेमाल पर लगाम लगाने की दिशा में वैश्विक संगठन कार्रवाई करेगा, ताकि इससे लोगों और समाज को हो रहे नुकसान पर रोक लग सके. एफएटीएफ के अनुसार, जिन महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा होगी, उनमें इस दिशा में ईरान और पाकिस्तान की प्रगति शामिल है.  

बैठक में हिस्सा लेने वाले पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता आर्थिक मामलों के मंत्री हमाद अजहर होंगे. प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री और आंतरिक मामलों के मंत्री के साथ-साथ स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान और वित्तीय निगरानी इकाई (एफएमयू) के अधिकारी भी शामिल होंगे.

पाकिस्तान को 2018 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था
पाकिस्तान को जून 2018 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था और उसे एक कार्य योजना पर काम करने के लिए अक्टूबर 2019 तक का समय दिया गया था, जिसे पूरा नहीं करने पर उसे ईरान और उत्तरी कोरिया के साथ ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी दी गई थी. बाद में अक्टूबर 2019 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 सूत्री एक कार्य योजना को लागू करने का फरमान देते हुए फरवरी तक ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला लिया. इसके बाद इस साल जनवरी में फिर चीन के बीजिंग में एफएटीएफ की बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान ने कार्य योजना लागू करने के लिए एक सूची सौंपी.

अब पेरिस मुख्यालय स्थित एफएटीएफ इस बैठक में पाकिस्तान द्वारा धनशोधन को समाप्त करने और आतंकियों के वित्तपोषण पर लगाम लगाने की दिशा में उठाए गए कदमों का जायजा लेगा. इसके बाद अगर पाकिस्तान को अप्रैल तक ग्रे लिस्ट से नहीं हटाया गया तो उसे ब्लैकलिस्ट में डाला जा सकता है, जिससे उसे ईरान की तरह आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है.

एफएटीएफ की बैठक से पहले पाकिस्तान सरकार के सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कड़े कदमों के आधार पर राजनीतिक और सुरक्षा प्रतिष्ठानों को लगता है कि पाकिस्तान मजबूती से अपना पक्ष रख सकता है.

इनपुट आईएएनएस से भी 

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