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लंदन: ब्रिटेन (Britain) में एक बच्चा ऐसी दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है, जिसके इलाज का खर्चा सुनते ही दिल की धड़कनें थम सकती है. हालांकि, सरकारी प्रयासों से बच्चे का ट्रीटमेंट शुरू कर दिया गया है और उम्मीद है वह जल्द ही ठीक हो जाएगा. पांच महीने का आर्थर मॉर्गन (Arthur Morgan) स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy-SMA) का सामना कर रहा है, जो आमतौर पर दो साल के भीतर लकवा और मौत का कारण बन सकती है. इसके इलाज के लिए मॉर्गन को एक ऐसा इंजेक्शन (Injection) लगाया गया है, जिसकी कीमत चुकाना हर किसी के बस की बात नहीं.
‘द सन’ की रिपोर्ट के अनुसार, आर्थर मॉर्गन को पिछले हफ्ते एक ‘चमत्कारी दवा’ (Miracle Drug) का इंजेक्शन लगाया गया. इसके एक डोज की कीमत 1.79 मिलियन पाउंड (करीब साढ़े 18 करोड़ रुपये है). ब्रिटेन में इससे पहले ये इंजेक्शन किसी को नहीं लगाया गया है. इसे चमत्कारी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसकी एक खुराक ही जान बचाने के लिए काफी है.
बच्चे के इलाज के लिए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) ने Zolgensma बनाने वाली कंपनी से ऐतिहासिक करार किया, जिसके बाद बच्चे को लाइफ सेविंग ड्रग दी गई. Zolgensm एक नई जीन थेरेपी है, जिसे इंजेक्शन द्वारा मरीज के शरीर के अंदर भेजा जाता है. बता दें कि स्विस फर्म नोवार्टिस Zolgensm बनाती है, यह दुनिया की सबसे महंगी दवा (World’s Most Expensive Drug) है.
आर्थर मॉर्गन के पिता रीस मॉर्गन ने कहा, जब हमें बच्चे की बीमारी के बारे में पता चला, तो हम पूरी तरह टूट गए थे. उन्होंने आगे कहा, ‘आर्थर ब्रिटेन का पहला ऐसा व्यक्ति बन गया है, जिसे ये ट्रीटमेंट दिया गया है. हम NHS के शुक्रगुजार है, जिसकी वजह से यह संभव हो पाया’. उम्मीद है वो जल्द ही पूरी तरह ठीक हो जाएगा.
डॉक्टरों का कहना है कि Zolgensma की एक डोज SMA को रोकने के लिए पर्याप्त है, और बच्चे को संभावित बैठने, चलने की क्षमता देती है. इसमें अनुपलब्ध जीन SMN1 की एक प्रति होती है. हालांकि, इसकी कीमत को लेकर बहस छिड़ी हुई है. क्योंकि हर किसी के लिए इतना पैसा जुटा पाना संभव नहीं. लेकिन कंपनी को लगता है कि कीमत वाजिब है.
नोवार्टिस ने Zolgensma की कीमत को सही ठहराते हुए कहा कि इसकी एक खुराक ही लंबे समय तक चलने वाले ट्रीटमेंट से ज्यादा कारगर है. वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि Zolgensma एक चमत्कारिक दवा है और यदि इसे जल्द इस्तेमाल किया जाए, तो मरीज की जान बच सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, इंग्लैंड में हर साल लगभग 65 बच्चे SMA के साथ पैदा होते हैं. यह मांसपेशियों में कमजोरी, गति में कमी और सांस लेने में कठिनाई का कारण बनता है.