संबंध सुधारने के लिए उत्तर कोरिया से फिर बातचीत को तैयार है अमेरिका
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संबंध सुधारने के लिए उत्तर कोरिया से फिर बातचीत को तैयार है अमेरिका

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों की मौजूदगी में तोंगचांग-री परीक्षण केन्द्र को बंद करने के किम के फैसले स्वागत  है. 

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (फाइल फोटो)

वाशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका 2021 तक पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण और संबंधों में सुधार के लिए उत्तर कोरिया से तुरंत बातचीत करने को तैयार है. पोम्पिओ के इस बयान के आने से पहले उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में शासक किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ-इन के बीच हुए शिखर सम्मेलन के बाद बुधवार को किम ने अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों की मौजूदगी में अपना मिसाइल परीक्षण केन्द्र बंद करने की बात कही थी.

  1. अमेरिका 2021 तक पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण और संबंधों में सुधार के लिए उत्तर कोरिया से तुरंत बातचीत करने को तैयार है.
  2. उत्तरी कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच 12 जून को सिंगापुर में मुलाक़ात हुयी थी.
  3. कभी अमेरिका के राष्ट्रपति रहे जॉर्ज बुश ने उत्तर कोरिया को बुराई की धुरी भी बताया था.  
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सिंगापुर सम्मेलन में हुए समझौते के वादों को दोहराने के लिए पोम्पिओ ने एक बयान जारी कर किम और मून को धन्यवाद दिया. अमेरिका के विदेश मंत्री पोम्पिओ के अनुसार इसके साथ ही उत्तर कोरिया के तेजी से परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में बढ़ने के लिये अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच बातचीत शुरू होगी. 

परमाणु निरस्त्रीकरण की यह प्रक्रिया जनवरी 2021 तक पूरी होनी है, जैसा कि उत्तर कोरिया के प्रमुख किम ने अमेरिका से वादा किया है. माना जा रहा है इससे कोरियाई प्रायद्वीप में स्थाई शांति का मार्ग प्रशस्त होगा. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने यह भी कहा की अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों की मौजूदगी में तोंगचांग-री परीक्षण केन्द्र को बंद करने के किम के फैसले का हम स्वागत करते हैं. सिंगापुर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और किम के बीच इस बारे में सहमति बनी थी.

सिंगापुर में हुआ था सम्मेलन,आगे बातचीत को बनी थी सहमति 
गौरतलब है लम्बे समय से अमेरिका का विरोधी रहें उत्तरी कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच इस साल 12 जून को सिंगापुर में मुलाक़ात हुयी थी. इस दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच लम्बीं वार्ता भी चली. जिसके बाद  दोनों देशों के द्वारा जारी संयुक्त बयान में उत्तर कोरिया के लिए सुरक्षा गारंटी देने की बात अमेरिका ने स्वीकारी थी. इसके अलावा दोनों देशो के बीच शांतिपूर्ण सम्बन्ध और कोरिया प्रायद्वीप में परमाणु निःशस्त्रीकरण की बात पर भी सहमति बनी थी. इसके अलावा दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के बीच आपस में बातचीत और समझौते को लागू करने के लिए दोनों देश आगे चर्चा करने के लिए भी तैयार हुए थें. 

लम्बे समय से उत्तर कोरिया और अमेरिका रहें हैं एक दूसरे के विरोधी

कोरिया युद्ध के बाद से अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच राजनैतिक और कूटनीतिक सम्बन्ध सामान्य नही रहे हैं. उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों के कारण अमेरिका हमेशा इसे अपने दुश्मन मानता रहा है. उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रमों के कारण पूरी दुनिया में चर्चा में बना रहता है. अब तक उसने 6 परमाणु परीक्षण भी किए हैं. इसके अलावा उसने हजारो किलोमीटर दूर की मारक क्षमता वाली मिसाइल को भी विकसित किया है. उत्तर कोरिया इनकी बदौलत अमेरिका को हमेशा आंखें दिखाता रहा है. इनकी वजह से कभी अमेरिका के राष्ट्रपति रहे जॉर्ज बुश ने उत्तर कोरिया को बुराई की धुरी भी बताया था.  

 

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