वैश्विक शांति के लिए खतरा बन रहे विदेशी लड़ाके : अमेरिका
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वैश्विक शांति के लिए खतरा बन रहे विदेशी लड़ाके : अमेरिका

अमेरिका ने कहा है कि युद्धग्रस्त सीरिया और इराक में भारत समेत दुनियाभर से अप्रत्याशित संख्या में विदेशी आतंकी लड़ाके पहुंच रहे हैं जो कि वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिए ‘खतरनाक संकट’ हैं।

वैश्विक शांति के लिए खतरा बन रहे विदेशी लड़ाके : अमेरिका

वाशिंगटन : अमेरिका ने कहा है कि युद्धग्रस्त सीरिया और इराक में भारत समेत दुनियाभर से अप्रत्याशित संख्या में विदेशी आतंकी लड़ाके पहुंच रहे हैं जो कि वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिए ‘खतरनाक संकट’ हैं।

अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने कल कहा कि वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिए खतरा बन चुके इस संकट को चुनौती देने के उद्देश्य से ओबामा प्रशासन 70 देशों के संयुक्त प्रयासों के लिए आधार तैयार कर रहा है।

आईएसआईएस में शामिल होने के लिए भारत से भी विदेशी लड़ाके इराक एवं सीरिया पहुंचे हैं। दुनिया भर से अप्रत्याशित रूप से बड़ी संख्या में विदेशी आतंकी लड़ाके सीरिया और इराक गए हैं। यह संख्या 20,000 से अधिक है और ये लड़ाके 100 से अधिक देशों के हैं।

अमेरिका ने अपने लक्ष्य के तहत ‘हिंसक चरमपंथ से निपटने’ के लिए व्हाइट हाउस के शिखर सम्मेलन के इतर कल ‘इन्फार्मेशन शेयरिंग मिनिस्ट्रियल’ की मेजबानी की थी। इस बैठक के दौरान संघर्ष क्षेत्रों से और इन क्षेत्रों में विदेशी आतंकी लड़ाकों को जाने से रोकने के लिए कदम उठाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस बैठक में आस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य ने हिस्सा लिया।

केरी ने व्हाइट हाउस में शिखर सम्मेलन में कहा, ‘विदेशी लड़ाके सीरिया और इराक तक ही सीमित नहीं हैं। हमने पिछले कुछ सप्ताह और महीनों में विदेशी लड़ाकों के पहुंचने के घातक परिणाम देखे हैं। दाएश जैसे संगठनों में शामिल होने वाले लोग किसी भी देश के हो सकते हैं। वे महिला या पुरूष कोई भी हो सकते हैं। वे किसी भी जाति के हो सकते हैं।’

केरी ने बताया कि दाएश में शामिल होने के लिए 100 से अधिक विभिन्न देशों के 20000 लोग सीरिया या इराक गए हैं। उन्होंने कहा, ‘हालांकि लड़ाकों की आधे से अधिक संख्या पश्चिम एशिया से आती है लेकिन वे कहीं से भी आ सकते हैं। उदाहरणस्वरूप पश्चिमी यूरोप से लगभग 4000 लड़ाके गए हैं। यह अप्रत्याशित है।’

केरी ने कहा, ‘हम अपने विदेशी साझीदारों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि वे अपनी सीमाओं के भीतर से जाने वाले लड़ाकों को नियंत्रित कर सकें।’ अमेरिकी अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर ने कहा कि अमेरिका सक्रिय रूप से इंटरपोल के फ्यूजन सेल का सहयोग कर रहा है जो कि विदेशी लड़ाकों संबंधी सूचना बांटने पर ध्यान केंद्रित करता है।

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