सामने आई जॉर्ज फ्लॉयड की ऑटोप्सी रिपोर्ट, पुलिसकर्मियों पर कसा शिकंजा
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सामने आई जॉर्ज फ्लॉयड की ऑटोप्सी रिपोर्ट, पुलिसकर्मियों पर कसा शिकंजा

अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की मौत के मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों पर कानूनी फंदा कसता जा रहा है. मुख्य आरोपी डेरेक चाउविन (Derek Chauvin) के खिलाफ और भी धाराएं लगाई गई हैं.

फाइल फोटो

वाशिंगटन: अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की मौत के मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों पर कानूनी फंदा कसता जा रहा है. मुख्य आरोपी डेरेक चाउविन (Derek Chauvin) के खिलाफ और भी धाराएं लगाई गई हैं. सीनेटर एमी क्लोबुचर (Amy Klobuchar) ने बताया कि चाउविन के विरुद्ध सेकंड-डिग्री हत्या का मामला भी दर्ज किया गया है. इस बीच, जॉर्ज की ऑटोप्सी रिपोर्ट भी सामने आ गई है. जिससे पता चलता है कि मृतक कोरोना संक्रमित था. 

हेनेपिन काउंटी मेडिकल एक्जामिनर कार्यालय द्वारा जारी की गई 20 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि जॉर्ज के गले पर दबाव पड़ने की वजह से उन्हें हार्ट अटैक आया, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई. रिपोर्ट में जॉर्ज की मौत को हत्या के रूप में वर्गीकृत किया गया है. गौरतलब है कि इस घटना का एक वीडियो सामने आया था. जिसमें दिखाई दे रहा है कि पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन जॉर्ज की गर्दन को अपने पैरों से दबाये हुए हैं और जॉर्ज लगातार यह कह रहे हैं कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है. करीब 7 मिनट तक जॉर्ज ऐसे ही संघर्ष करते रहे और आख़िरकार उनकी मौत हो गई.  

मुख्य चिकित्सा परीक्षक एंड्रयू बेकर (Andrew Baker) की रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्लॉयड का 3 अप्रैल को कोरोना टेस्ट किया गया था, जो पॉजिटिव आया. हालांकि, उनमें किसी तरह के लक्षण दिखाई नहीं दिए थे. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि फ्लॉयड के फेफड़े स्वस्थ नजर आ रहे थे, लेकिन दिल में कुछ समस्या थी. मालूम हो कि यह रिपोर्ट उस आधिकारिक रिपोर्ट से अलग है जिसे आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किये जाने के दौरान बनाया गया था. पहली रिपोर्ट में मौत की वजह नशीली दवाओं के सेवन और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को बताया गया था. दम घुटने या हार्ट अटैक जैसी बातों का रिपोर्ट में कोई जिक्र नहीं था.

एमी क्लोबुचर ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘मिनेसोटा अटॉर्नी जनरल कीथ एलिसन जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या में डेरेक चाउविन के खिलाफ लगाई गईं धाराओं को बढ़ा रहे हैं. साथ ही अन्य 3 अधिकारियों पर भी केस दर्ज किया गया है. यह न्याय की दिशा में एक और कदम है’.

फ्लॉयड की मौत के बाद से अमेरिका में हिंसा जारी है. इसे देखते हुए वाशिंगटन सहित कई शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है. प्रदर्शनकारियों के गुस्से को शांत करने के लिए सरकार दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की बात कर रही है. मुख्य आरोपी डेरेक चाउविन सहित तीन अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.

चाउविन पर पिछले सप्ताह थर्ड-डिग्री हत्या का आरोप लगाया गया था, जो कि लगभग पूरी तरह से हत्या के समान है. जबकि सेकंड-डिग्री मर्डर में पूर्व निधारित हत्या से इंकार करता है, लेकिन इसमें कठोर दंड का प्रावधान है. 

जॉर्ज फ्लॉयड की मौत 25 मई को हुई थी, जिसके बाद से अमेरिका में प्रदर्शन हो रहे हैं. पुलिस का कहना है कि जॉर्ज नकली नोटों से सिगरेट खरीद रहे थे. पुलिस सूचना के आधार पर उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी, लेकिन वहां उसने बर्बरता की सारी हदें पार कर दीं. डेरेक चाउविन ने पहले जॉर्ज फ्लॉयड को नीचे गिराया और फिर उनकी गर्दन को अपने पैरों से दबाये रखा. जिसके चलते उनकी मौत हो गई.   

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