नफरत और जिहाद का समर्थन कर रहा था इमाम, France की सरकार ने मस्जिद पर लगा दिया ताला
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नफरत और जिहाद का समर्थन कर रहा था इमाम, France की सरकार ने मस्जिद पर लगा दिया ताला

फ्रांस ने नफरत फैलाने और जिहाद का समर्थन करने वाली मस्जिद को अगले छह महीनों के लिए बंद कर दिया है. आरोप है कि मस्जिद के इमाम ने उपदेश के नाम पर ईसाइयों, समलैंगिक लोगों और यहूदियों के प्रति नफरत फैलाने और जिहाद का समर्थन करने का काम किया है. 

फोटो: डेली मेल

पेरिस: फ्रांस (France) ने इस्‍लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ बड़ा एक्‍शन लेते हुए एक विवादित मस्जिद (Mosque) को बंद कर दिया है. इस मस्जिद के इमाम (Imam) पर धर्मोपदेश के नाम पर ईसाइयों, समलैंगिक लोगों और यहूदियों के प्रति नफरत फैलाने और जिहाद का समर्थन करने का आरोप है. सरकार का कहना है कि उत्तरी फ्रांस के ब्यूवेस की मस्जिद के इमाम की उपदेश देने की कट्टरपंथी प्रकृति के कारण मस्जिद को बंद करने का फैसला लिया गया है. पेरिस (Paris) से करीब 100 किमी दूर स्थित 50,000 की जनसंख्या वाले ब्यूवेस कस्बे में बनी ये मस्जिद अगले 6 महीनों के लिए बंद रहेगी. 

  1. उत्तरी फ्रांस के ब्यूवेस में स्थित है मस्जिद
  2. इमाम की कट्टरपंथी प्रकृति के कारण लिया फैसला
  3. अगले छह महीनों तक नहीं खुल सकेगी मस्जिद

पहले ही शुरू हो गई थी प्रक्रिया

‘डेली मेल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ओइसे प्रांत के अधिकारियों ने बताया कि मस्जिद (Mosque) से नफरत, हिंसा और जिहाद (Jihad) की रक्षा को उकसाने वाले उपदेश दिए जा रहे थे. इस वजह से मस्जिद को अगले 6 महीनों के लिए बंद किया गया है. फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डारमैनिन (Gerald Darmanin) ने दो सप्ताह पहले साइट को बंद करने की प्रक्रिया शुरू की थी. डारमैनिन ने कहा कि इमाम अपने उपदेशों में ईसाइयों, समलैंगिकों और यहूदियों को निशाना बना रहे थे, जो अस्वीकार्य है. 

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Imam ने हाल ही में कबूला था Islam

कानूनी तौर पर कार्रवाई करने से पहले स्थानीय अधिकारियों को 10 दिनों की सूचना एकत्र करने को कहा गया था. मंगलवार को अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी की एएफपी को बताया कि मस्जिद अब दो दिनों के भीतर बंद हो जाएगी. बताया जा रहा है कि मस्जिद के इमाम ने हाल ही में इस्लाम धर्म कबूल किया था. वहीं, मस्जिद का प्रबंधन करने वाले एसोसिएशन के एक वकील ने बताया कि इमाम की बातों को गलत ढंग से लिया गया. हालांकि, फिर भी उसे निलंबित कर दिया गया है. 

एसोसिएशन का दावा किया खारिज

अधिकारियों ने बताया कि एसोसिएशन का दावा है कि इमाम ने मस्जिद से कभी-कभार ही उपदेश दिया था और अब उन्हें निलंबित कर दिया गया था, जबकि वास्तव में वह मस्जिद में नियमित तौर पर आते थे. उन्होंने कहा कि इमाम ने जिहाद, इस्लाम के दुश्मनों के खिलाफ युद्ध जैसे शब्दों का इस्तेमाल करके ईसाइयों, समलैंगिकों और यहूदियों के खिलाफ नफरत फैलाने का काम किया. देश में आतंकवादी खतरा बहुत उच्च स्तर पर बना हुआ है और बंद का उद्देश्य आतंकवाद के कृत्यों को रोकना है.  

 

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