फ्रांस जैसे देश में ऐसी स्थिति! कोरोना संक्रमितों को सम्मानजनक मौत देने के लिए भी कर रहा संघर्ष
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फ्रांस जैसे देश में ऐसी स्थिति! कोरोना संक्रमितों को सम्मानजनक मौत देने के लिए भी कर रहा संघर्ष

पेरिस. कोरोना वायरस (Coronavirus) से सबसे अधिक प्रभावित फ्रांस में गंभीर हालत में भर्ती मरीज जिनके जिंदा रहने की उम्मीद लगभग समाप्त हो चुकी है अपनी हर सांस के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

फाइल फोटो

पेरिस. कोरोना वायरस (Coronavirus) से सबसे अधिक प्रभावित फ्रांस में गंभीर हालत में भर्ती मरीज जिनके जिंदा रहने की उम्मीद लगभग समाप्त हो चुकी है अपनी हर सांस के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उनके इस कठिन समय में दर्द को कम करने वाली दवा और वेंटिलेटर की कमी के चलते चिकित्सक उन्हें सम्मानजनक मौत देने में भी खुद को असहाय पा रहे हैं.

  1. दर्द को कम करने वाली दवा की भी कमी
  2. वेंटिलेटर तक की कमी से जूझ रहा यह देश
  3. कोरोना संक्रमण के कारण परिवार वाले भी नहीं दे रहे साथ

फ्रांस में जैसे-जैसे कोरोना वायरस की महामारी विकराल हो रही चिकित्सा कर्मी उन अनुभवों को साझा कर रहे हैं जिसमें उन्होंने कैसे किसी मरीज को गहन चिकित्सा कक्ष के बिस्तर देना है या नहीं इसका कठोर फैसला किया.

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फ्रांसीसी जेरोन्टोलॉजी और जेरियाट्रिक्स सोसायटी के अध्यक्ष प्रोफेसर ओलिवियर गुएरी ने बताया, ‘‘कुछ मरीजों के लिए ऐसा इलाज बेकार और क्रूर होता है. गहन चिकित्सा कक्ष में इलाज कर रही टीम को यह फैसला करना होता है कि किसे बचाया जा सकता है.’’

फ्रांस के पूर्वी हिस्से में एक अन्य अस्तपाल के विशेष कोरोना वायरस इकाई में काम कर रहे फ्रांसीसी पैलेटिव केयर सोसाइटी (एसएफएपी) के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर रेजिस आब्री ने कहा, ‘‘बिना परिवार और रिश्तेदार (संक्रमण के डर से) के मर रहे व्यक्ति के लिए यथासंभव आसान मौत होनी चाहिए. चूंकि हम आपात स्थिति से जूझ रहे हैं हमें यह भूलना नहीं चाहिए कि हम मानव हैं.’’

एसएफएपी ने वृद्धाश्रमों के कर्मचारियों को सलाह देने के लिए हॉटलाइन की स्थापना की है और उसके मुताबिक फ्रांस में महामारी शुरू होने के बाद से दो हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है.

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सोसाइटी ने कहा कि प्रशामक देखभाल (असाध्य रोग से ग्रस्त लोगों की देखभाल) के लिए घरों में और अधिक चिकित्सा सेवा दी जानी चाहिए जबकि कुछ लोगों ने ऐसी दवाओं का इस्तेमाल अस्पताल से बाहर भी करने की अनुमति देने की मांग की है.

बोर्डो में प्रशामक देखभाल के डॉक्टर बर्नाड डेवलोइस ने चेताया है कि देश में अफीम और मिडजोलम नामक की दवा की कमी है जिन्हें अंतिम समय में मरीज को शांतिपूर्ण मौत के लिए दिया जाता है. उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रमों में कार्यरत कर्मचारी लोगों को भयानक रूप से तड़पते देख रहे हैं.

डॉ. डेवलोइस ने कहा कि कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण से सांस लेने में परेशानी होती है मरीज का अवसादरोधी दवाओं एलप्राजोलम आदि से इलाज करना चाहिए बशर्ते वह उसे मुंह के जरिये लेने में सक्षम हो लेकिन दम घुटने की स्थिति में तुरंत बेहोशी की दवा देनी चाहिए.

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