ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने उन मुख्य तथ्यों में बदलाव का विश्लेषण किया जिनकी वजह से पति-पत्नी तलाक के लिए याचिका देते हैं.
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लंदन: ब्रिटेन के एक अध्ययन से यह बात सामने आयी है कि शादीशुदा जोड़े कानूनी रुप से वैवाहिक संबंध को तोड़ने के लिए जिस वजह का हवाला देते हैं उनमें "अनुचित व्यवहार" सबसे आम है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने उन मुख्य तथ्यों में बदलाव का विश्लेषण किया जिनकी वजह से पति-पत्नी तलाक के लिए याचिका देते हैं.
ब्रिटेन में 1971 में ब्रिटेन तलाक सुधार अधिनियम, 1969 लागू हुआ था. इस कानून में शादी के संबंधों को बनाये रखने की कोई गुजाइंश नहीं बचने को तलाक का एकमात्र आधार बनाया गया था जिसे एक या एकाधिक तथ्यों को साबित कर स्थापित किया जा सकता है. वैसे जरुरी नहीं है कि यह तथ्य संबंध विच्छेद की वजह हो. इस कानून में अलग होने के लिए "अनुचित व्यवहार" , "व्यभिचार" और "परित्याग" जैसी गलतियों को आधार बनाया गया है.
इसके अलावा "बिना किसी गलती" के तहत अलग होने के लिए दो नए तथ्य भी हैं जिसमें दोनों पक्ष दो साल तक अलग रहे हों और तलाक के लिए राजी हों, दूसरा पांच साल तक दोनों एक दूसरे से अलग रहे हो. शोधकर्ताओं ने कहा कि पहले यह उम्मीद की गयी कि बिना किसी गलती संबंधी तथ्य ज्यादातर तलाकों की वजह बनेंगे लेकिन शुरुआती तेजी के बाद यह बात साबित नहीं हो पायी.
शोधकर्ताओं के अनुसार कालांतर में लोगों द्वारा विधिक रुप से अपने वैवाहिक संबंध समाप्त करने के लिए इस कानून के उपयोग के पैटर्न में काफी बदलाव आया तथा हाल के वर्षों में अनुचित व्यवहार जैसे अपराध आधारित तथ्य का तलाक के लिए सर्वाधिक इस्तेमाल किया गया. ऑक्सफोर्ड में एसोसिएट फेलो जॉन हास्की के पाया कि 1971 के बाद तलाक के लिए जिन तथ्यो का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया वह गलती/अपराध आधारित थे, महिलाओं के लिए अनुचित व्यवहार और पुरुषों के लिए व्यभिचार.