आखिरी दौर में हज, सउदी प्रमुख ने कहा- चरमपंथियों के खिलाफ एकजुटता जरूरी
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आखिरी दौर में हज, सउदी प्रमुख ने कहा- चरमपंथियों के खिलाफ एकजुटता जरूरी

हज के आखिरी दौर में पहुंचने के साथ ही डेढ़ लाख से ज्यादा भारतीयों समेत 20 लाख से अधिक जायरीनों ने इबादत के लिए मीना से अराफात की पहाड़ी का रूख किया। इस बीच सउदी अरब प्रमुख मुफ्ती ने मुसलमानों से आईएस जैसे उन चरमपंथी संगठनों के खिलाफ एकजुट होने की अपील की जो इस्लाम को ‘जहालत के दौर’ में लेकर जा रहे हैं।

आखिरी दौर में हज, सउदी प्रमुख ने कहा- चरमपंथियों के खिलाफ एकजुटता जरूरी

माउंट अराफात (सउदी अरब): हज के आखिरी दौर में पहुंचने के साथ ही डेढ़ लाख से ज्यादा भारतीयों समेत 20 लाख से अधिक जायरीनों ने इबादत के लिए मीना से अराफात की पहाड़ी का रूख किया। इस बीच सउदी अरब प्रमुख मुफ्ती ने मुसलमानों से आईएस जैसे उन चरमपंथी संगठनों के खिलाफ एकजुट होने की अपील की जो इस्लाम को ‘जहालत के दौर’ में लेकर जा रहे हैं।

सफेद रंग के बिना सिले कपड़े पहने सभी उम्र के हज यात्री मीना से अराफात पहुंचे। यह वही स्थान है, जहां लगभग 1400 साल पहले पैगंबर मोहम्मद ने हज का आखिरी खुत्बा (उपदेश) दिया था। हजयात्रियों ने मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात मीना में इबादत करते हुए बिताई थी।

अपने वार्षिक हज संबोधन में प्रमुख मुफ्ती शेख अब्दुलअजीज बिन अब्दुल्ला अल-शेख ने कहा, ‘‘दाएश (आईएस) इस्लाम के नाम पर मुस्लिम उम्मा को तबाह करने में व्यस्त है। दाएश जैसे संगठन इस्लाम की गलत व्याख्या पेश करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि दाएश गुमराह संगठन है और इस तरह के संगठन इस्लाम को ‘जहालत के दौर’ में ले जाना चाहते हैं।

प्रमुख इस्लामिक धर्म गुरु ने मुसलमानों का आह्वान किया कि वे निजी स्तर से और सामूहिक स्तर से इस्लाम का सही संदेश फैलाने का प्रयास करें कि यह अमन, प्यार और भाईचारे का मजहब है। नमाज में दोनों पाक मस्जिदों के संरक्षक के सलाहकार और मक्का क्षेत्र के गवर्नर शहजादा खालिद अल-फैसल बिन अब्दुल अजीज मौजूद थे।

हज के दौरान पुरुष यात्री बिना सिलाई वाले सफेद कपड़े पहनते हैं, जो कि दो भागों में होते हैं। यह शुद्धता का प्रतीक है। महिलाएं भी आमतौर पर सफेद कपड़े पहनती हैं। उनके चेहरे और हाथों के अलावा पूरा शरीर ढंका रहता है।

अराफात में हजयात्रियों के पहुंचने पर कई भावुक क्षण देखे गए। कई हजयात्री अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे और बहुत से लोग अल्लाह का शुक्रिया अदा कर रहे थे कि उन्होंने उनके लिए हज करना संभव बनाया। सैकड़ों हजयात्री इबादत के लिए पहाड़ी पर और इसके आसपास के व्यापक मैदान में जुटे।

सुबह की नमाज से कई घंटे पहले तीन लाख से ज्यादा हजयात्री अराफात में मस्जिद नामिरा के बाहर एकत्र हुए जहां वह मस्जिद में ‘लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक’ (अल्लाह, मैं तेरी खिदमत में हाजिर हूं) के उद्घोष के बीच इबादत कर सकें।

कई हजयात्रियों ने पैगंबर की परंपरा की याद में सुबह के बाद मस्जिद में विशेष नमाज अदा की। जबल अराफात में इबादत करना किसी हजयात्री के जीवन की एक उपलब्धि है। यह उसके हज करने के सपने का सच होना है।

अराफात में इबादत करने के बाद हजयात्री पास के मुज्दालिफा जाएंगे और वहां से मीना घाटी की परंपरा निभाने के लिए पत्थर लेकर आएंगे। यह एक ऐसा आयोजन है, जो कि पिछले समय में मची भगदड़ों के कारण रोक दिया गया था। हजयात्री कल तीन खंभों पर कंकड़ मार कर शैतान को प्रतीकात्मक तौर पर कंकड़ मारने की रस्म अदा करेंगे।

कंकड़ियां मारने के बाद हजयात्री कुर्बानी की रस्म अदा करेंगे। पैगंबर इब्राहिम ने खुदा की खिदमत में अपने इकलौते बेटे पैगंबर इस्माईल को कुर्बान करने की उत्सुकता दिखाई थी। जानवरों की कुर्बानी उसी की याद में दी जाती है। ईद-उल-अजहा के साथ ही इस साल का हज पूरा हो जाएगा।

सउदी सरकार ने 20 लाख हजयात्रियों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। इसके लिए सरकार ने लगभग एक लाख वर्दीधारी लोगों को इन पवित्र स्थलों पर तैनात किया है। सउदी अधिकारियों ने कहा कि इस साल 13,74,206 विदेशी हजयात्री हज के लिए आये हैं।

सुप्रीम हज कमेटी के अध्यक्ष और सउदी अरब के शहजादा मोहम्मद बिन नायेफ ने 164 देशों से 13.8 लाख हजयात्रियों के सफल आगमन पर सुल्तान सलमान को मुबारकबाद दी है। गृहमंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल मंसूर अल-तुर्की ने कहा कि मक्का से मीना तक हजयात्रियों को प्रस्थान व्यवस्थापूर्ण और सुनियोजित ढंग से हुआ।

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