तेहरान: ईरान (Iran) के राष्ट्रपति हसन रूहानी (Hassan Rouhani) ने डोनाल्ड ट्रंप पर हमला बोलते हुए उन्हें पागल करार दिया है. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की तुलना इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन से करते हुए कहा कि ट्रंप का हाल भी सद्दाम जैसा ही होगा. इससे पहले, रूहानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की हार पर खुशी जताते हुए कहा था कि हम जो बाइडेन के आने को लेकर बहुत खुश नहीं हैं, लेकिन ट्रंप के जाने पर बहुत खुश हैं.
‘दोनों ने हम पर युद्ध थोपा’
राष्ट्रपति हसन रूहानी (Hassan Rouhani) ने बुधवार को कहा कि ईरान के इतिहास में हमें दो पागल नेताओं से निपटना पड़ा है. पहला सद्दाम हुसैन (Saddam Hussein) और दूसरा डोनाल्ड ट्रंप. स्टेट टेलीविजन पर बोलते हुए उन्होंने आगे कहा, ‘एक ने ईरान को सैन्य युद्ध (1980-88) में धकेला और दूसरे (ट्रंप) ने हम पर आर्थिक युद्ध थोपा, हालांकि दोनों ही युद्ध में हम विजयी रहे’. रूहानी ने कहा कि सद्दाम को उसके अपराधों की सजा मिली थी और डोनाल्ड ट्रंप के साथ भी ऐसा ही होगा.
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Joe Biden सुधारना चाहते हैं रिश्ते
इस महीने की शुरुआत में ईरान के राष्ट्रपति ने कैबिनेट में दिए एक भाषण में भी ट्रंप को निशाना बनाया था. उन्होंने कहा था, ‘कुछ लोगों का पूछना है कि क्या हम बाइडेन के आने से अति उत्साहित हैं? मैं बताना चाहता हूं कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. हम बाइडेन के आने को लेकर बहुत खुश नहीं हैं, लेकिन हम ट्रंप के जाने पर बहुत खुश हैं’. उन्होंने ट्रंप को 'तानाशाह, सबसे अनियंत्रित, कानून न मानने वाला राष्ट्रपति, आतंकवादी और हत्यारा भी करार दिया था. दिलचस्प बात यह है कि नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ईरान के साथ कूटनीतिक संबंधों को बहाल करने के संकेत दिए हैं.
Trump के कार्यकाल में बढ़ा तनाव
ईरान और अमेरिका के बीच तनाव डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद बढ़ा था. ट्रंप प्रशासन ने इजरायल और खाड़ी देशों को करीब लाने की कोशिश की, जबकि ईरान इसके लिए तैयार नहीं था. 2018 में ट्रंप ने तेहरान के साथ एक ऐतिहासिक परमाणु समझौते से खुद को बाहर निकाल लिया और एकतरफा प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया. इसके बाद इस जनवरी में ट्रंप ने बगदाद हवाई अड्डे के पास हवाई हमले का आदेश दिया, जिसमें ईरान के वरिष्ठ जनरल कासिम सोलेमानी मारे गए. इसके अलावा, भी ट्रंप प्रशासन ने कई ऐसे फैसले लिए, जिनकी वजह से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया.