अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में लंबी अवधि तक अनुसंधान में लगे अंतरिक्ष यात्री स्वस्थ बने रहने के लिए गोलकृमी अहम मदद मिल सकती है।
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वॉशिंगटन: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में लंबी अवधि तक अनुसंधान में लगे अंतरिक्ष यात्री स्वस्थ बने रहने के लिए गोलकृमी अहम मदद मिल सकती है।
जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर किए गए दो परीक्षणों से अंतरिक्ष यात्रियों में पाई जाने वाली हड्डी और मांसपेशियों में क्षरण जैसी शारीरिक समस्याओं के निदान का पता लगाने में कैर्नोहैबडिटीस एलीगेंस नामक कृमी के अध्ययन से मदद मिल सकती है। यह निष्कर्ष मांसपेशियों और हड्डी में क्षरण की समस्या से जूझ रहे आम लोगों के लिए भी फायदेमंद होगा।
ह्यूस्टन स्थित नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर की मुख्य वैज्ञानिक जूलिया रॉबिनसन के मुताबिक, अंतरिक्ष में प्रवास के दौरान हमारे वैज्ञानिकों के समक्ष मांसपेशियों और हड्डियों में क्षरण सबसे बड़ी चुनौती है। यहां तक कि दिए गए दैनिक व्यायाम को करने के बावजूद अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर में हड्डियों और मांसपेशियों का क्षरण होता रहता है।
लंबे समय तक बेड रेस्ट पर रहने वाले लोगों को भी इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। र्नोहैबडिटीस एलीगेंस नाम के ये कृमी विशाल जीवों के मॉडल के रूप में शोध में अक्सर इस्तेमाल किए जाते हैं। अंतरिक्ष यान 'स्पेस एक्स ड्रैगन' द्वारा ताजा आपूर्ति अभियान के तहत पहली जांच माइक्रोग्रैविटी के कारण सी. एलीगंस की मांसपेशियों में परिवर्तन से जुड़ा होगा। दूसरी जांच में सी. एलीगंस के डीएनए का अध्ययन किया जाएगा।
इसके तहत माइक्रोग्रैविटी में हड्डियों और मांसपेशियों के घनत्व (आकार) में कमी जैसी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को जानने के लिए कीड़े की मांसपेशियों और साइटोस्केलेटन को देखा जा सकेगा। जापान में मियागी के तोहोकू विश्वविद्यालय में दोनों परीक्षणों की मुख्य जांचकर्त्ता अतसुशी हिगाशीतानी के मुताबकि, इस प्रक्रिया के दौरानअंतरिक्ष यात्रियों के शारीरिक ऑर्गेनिज्म में बदलाव होगा और हम विकास के अलग-अलग चरणों में ऑर्गेनिज्म की जाँच कर सकेंगे। इन लक्षणों से जूझ रहे पृथ्वी के लाखों लोगों और इसके दायरे में आने वाले अंतक्षि यात्रियों के इलाज में ये छोटे-छोटे कीड़े कारगर साबित हो सकते हैं।