London News: लंदन की ऐले ने पिछले 14 महीनों से पेशाब नहीं किया है. डॉक्टरों के मुताबिक ये एक दुर्लभ बीमारी का केस है. जिसमें मरीज चाहे जितनी कोशिश कर ले. उसका टॉयलेट नहीं निकलेगा.
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Urination Rare Case UK: पानी हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी है, हम सभी ये बात जानते हैं. लोगों को स्वस्थ रहने के लिए ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि शरीर के हर एक अंग को ठीक से काम करने के लिए पानी की जरूरत पड़ती है. पानी पीने से बॉडी के टॉक्सिन्स फ्लश आउट हो जाते हैं. हमारे शरीर में 70 प्रतिशत पानी होता है और ऐसे में इसका शरीर के लिए महत्व और भी बढ़ जाता है. ये ना सिर्फ हमारे अंगों को सही रखने के लिए जरूरी है बल्कि हमारी त्वचा में नमी बनाए रखता है. लेकिन आपने देखा होगा कि जब कोई ज्यादा पानी पीता है तो उसके वाशरूम के चक्कर बढ़ जाते हैं. लेकिन कल्पना कीजिए कि क्या होगा अगर कोई पानी तो जमकर पिए लेकिन उसे टॉयलेट ही न लगे. ऐसा जिसके साथ भी होगा उसकी हालत खराब हो जाएगी.
लंदन की ऐले 14 महीने से नहीं आई पेशाब
न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक लंदन की रहने वाली 30 साल की ऐले एडम्स के साथ ऐसा ही कुछ हुआ. वो रोज तीन लीटर पानी पीती हैं फिर भी वो 14 महीने से शरीर की गंदगी की यूरिनेट नहीं कर पाई है. भले ही उसका कितना ही मन करता है वाशरुम जाकर हल्का हो लेने का. लेकिन वो चाहकर भी टॉयलेट नहीं कर पा रही है. शुरुआत में हालत बिगड़ी तो उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बात कहा कि उन्हें रेयर बीमारी है. इस रेयर मेडिकल कंडीशन (Rare Diseases) की वजह से उसे बाथरुम हो ही नहीं पा रहा है.
मेडिकल साइंस का रेयर केस
रेयर केस की वजह से डॉक्टरों ने मीडिया को इस केस के बारे में बताया. ऐले की रेयर बीमारी और कंडीशन की कहानी हेल्थ बीट कवर करने वाले रिपोर्टर्स ने दुनिया तक पहुंचाई. रिपोर्ट्स के मुताबिक एक दिन ऐले सुबह सोकर उठीं, लेकिन जब वो टॉयलेट करने गई तो उनसे कुछ हो नहीं पाया. उन्होंने बहुत कोशिश की काफी जोर लगाया लेकिन, टॉयलेट पास ही नहीं हो रहा था. वो फौरन डॉक्टरों के पास गईं. जहां डॉक्टर्स ने जांच में पाया कि उसकी पेशाब की थैली में एक लीटर यूरिन अटका था. इसके बाद उसे कैथेटर लगा दिया गया.
सर्जरी से मिला आराम
समय पर फ्रेश होना और यूरिन पास करना मानव शरीर के लिए बेहद जरूरी और डेली रुटीन का हिस्सा है. ऐसे में वो भला वो कब तक अस्पताल में रहतीं. इसलिए डॉक्टर्स ने उन्हें सेल्फ कैथराइज करना सिखाया. लंबी रिसर्च के बाद पता चला कि वो Fowler सिंड्रोम से पीड़ित हैं. ऐसे में उन्हें पूरी जिंदगी मेडिकल इक्विपमेंट के सहारे टॉयलेट करनी पड़ेगी. हालांकि, अभी उन्होंने एक सर्जरी के जरिए कुछ समय के लिए कैथरर से आजादी मिली है.
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